
डेयरी साइंस -
जनसंख्या बढ़ने के साथ ही डेयरी प्रोडक्ट्स की मांग अधिक हो रही है। डेयरी प्रोडक्ट की लगातार बढ़ती मांग से इस क्षेत्र में कई जॉब्स के अवसर बने है। भारत डेयरी प्रोडक्शन में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। डेयरी साइंस में मिल्क प्रोडक्शन, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, स्टोरेज और डिस्ट्रिब्यूशन की जानकारी दी जाती है। इस फील्ड में 12वीं साइंस के बाद 4 वर्षीय डिग्री प्रोग्राम या दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स के अलावा कई अन्य कोर्सेज भी कर सकते हैं।
नैनो टेक्नोलॉजी-
नैनो टेक्नोलॉजी विज्ञान पिछले दशक में अधिक ग्रोथ करने वाले मुख्य क्षेत्रों में एक रहा है। इसकी मांग भारत ही नहीं विदेशों में भी है। आप भी नैनो टेक्नोलॉजी में कॅरियर बनाना चाहते है तो 12वीं पास करने के बाद इस फिल्ड में बीएससी या बीटेक कर सकते है। इसके बाद कई बायोटेक और नैनो टेक कंपनी में जॉब कर सकते है। आप चाहे तो इसके बाद इसी फिल्ड में एमएससी या एमटेक भी कर सकते है। इस फील्ड में हर वर्ष लाखों एक्सपर्ट की जरूरत होती है।
एस्ट्रो फिजिक्स-
ऐसे छात्र जिनको फिजिक्स और ब्रह्मांड के रहस्य सुलझाने के अलावा सितारों और गैलेक्सी में खास दिलचस्पी होती है। उनके लिए एस्ट्रो फिजिक्स अच्छा फील्ड हो सकता है। इसमें 12वीं साइंस के बाद से कई कोर्स उपलब्ध है। इअभ्यर्थी 3 साल, 4 साल और 5 साल के डिग्री कोर्सेज कर सकते हैं। इसमें डॉक्टरेट करने के बाद अपने देश में इसरो भाभा रिसर्च सेंटर और अमरीका में नासा जैसे रिसर्च संस्थानों से जुड़कर काम कर सकते हैं।
पर्यावरण विज्ञान -
पर्यावरण जैसे विषय में रूचि रखने वाले छात्रों के लिए पर्यावरण विज्ञान बेहतरीन कॅरियर हो सकता है। इसके तहत इकोलॉजी, डिजास्टर मैनेजमेंट, वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट और पॉल्यूशन कंट्रोल जैसे विषयों का अध्ययन कराया जाता है। वातावरण में लगातार बदलाव से इसमें पेशेवरों की मांग बढ़ी है। वहीं पर्यावरण संबंधी काम करने वाले एनजीओ और यूएनओ के कई प्रोजेक्ट इसमें काम कर रहे है जिससे इस क्षेत्र में जॉब के अवसर पहले से ज्यादा बढ़े हैं।
स्पेस साइंस-
यह साइंस की सबसे बड़ा क्षेत्र है, हर साल इस फील्ड में लाखों पेशेवरों की जरूरत पड़ती है। स्पेस साइंस में कॉस्मोलॉजी, स्टेलर साइंस, प्लैनेटरी साइंस, एस्ट्रोनॉमी आदि आता है। स्पेस साइंस में तीन साल की बीएससी और चार साल की बीटेक डिग्री उपलब्ध है इसके अलावा आप इसमें पीएचडी तक के कोर्स कर सकते है। खासतौर पर इसके कोर्सेज इसरो और आइआइएससी बेंगलुरु में कराए जाते है। इसके अलावा भी कई अन्य विकल्प हैं।
Published on:
29 Apr 2019 07:00 pm
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