
Amazing Facts About Advocate Black Coat: भारत ही नहीं दुनिया के अधिकांश: हिस्सों में वकील काला कोर्ट पहनते हैं। यूं कहें कि काला कोर्ट ही वकीलों की पहचान बन गया है और ये उनका ड्रेस कोड है। काला कोट वकालत पेशे की पहचान है। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि वकील काला कोट ही क्यों पहनते हैं? ये परंपरा कब और कैसे शुरू हुई?
ऐसा कहा जाता है कि वकीलों के काला कोर्ट पहनने की परंपरा ब्रिटेन से शुरू हुई। 1865 में इंग्लैंड के शाही परिवार ने किंग्स चार्ल्स द्वितीय के निधन पर कोर्ट में जज और वकीलों को काले रंग के कपड़े पहनने का आदेश दिया गया था। हालांकि, इससे पहले ही 1637 में वकीलों को काले रंग का कपड़ा पहनने वाला प्रस्ताव रखा गया था ताकि वकील आम लोगों से अलग दिखें।
वकालत की शुरुआत 1327 में एडवर्ड तृतीय ने की थी। उस समय जज अपने सिर पर एक बाल वाला बिग पहनते थे जबकि वकील चार प्रकार के होते थे- प्लीडर, बेंचर एवं बैरिस्टर। उस समय वकील सुनहरे लाल कपड़े और भूरे रंग का गाउन पहना करते थे। साल 1600 में वकीलों की वेशभूषा में बदलाव आया और 1637 में एक प्रस्ताव आया कि काउंसिल को जनता के अनुरूप ही कपड़े पहनने चाहिए।
भारत में ब्रिटिश उपनिवेश था। ऐसे में यहां कई सारी ऐसी परंपराएं प्रचलित हो गईं जो ब्रिटेन की थी। इन्हीं में से एक वकीलों का काला कोट (Advocate Black Coat) पहनना था। भारत में लंबे समय से वकील काला कोट पहनते आए हैं। हालांकि, आजादी के काफी समय बाद तक वकीलों का काला कोर्ट पहनना अनिवार्य नहीं था। लेकिन 1961 में इसे अनिवार्य किया गया। माना जाता है कि यह ड्रेस कोड वकीलों में अनुशासन लाता है और न्याय के प्रति उनके मन में विश्वास को भी बढ़ाता है।
इसी वर्ष सुप्रीम कोर्ट में वकीलों के ड्रेस कोड यानी काला कोट के विरोध में याचिका दायर की गई। एडवोकेट शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने यह याचिका दायर की थी। शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने बेंच से अपील की कि वकीलों के परंपरागत ड्रेस कोड में राहत दी जाए। यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि काला रंग बहुत तेजी से हीट को अपनी ओर खींचता है, जिससे इसे गर्मी के दिनों में पहनना मुश्किल हो जाता है।
वकील काला कोट (Advocate Black Coat) और सफेद रंग की कमीज पहनते हैं। वकील का काला कोट पहनना न्याय की अटूट स्थिति का प्रतीक दर्शाता है। वहीं काला रंग को अनुशासन, आत्मविश्वास और शक्ति से जोड़ा जाता है जबकि सफेद रंग शुद्धता, पवित्रता और शांति का प्रतीक माना जाता है।
डिस्क्लेमर:यह लेख सूचना आधारित है, जिसे इंटरनेट के माध्यम से जुटाया गया है। हम ऐसी किसी भी बात की पुष्टि नहीं करते।
Published on:
11 Dec 2024 05:27 pm
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