
UPSC: 2023 की ट्रेनी आईएएस (IAS Trainee) पूजा खेडकर (Pooja Khedkar) इन दिनों काफी चर्चा में हैं। शुरुआत में वो अपनी मनमानी और फिजूल की मांग को लेकर चर्चा में आईं। धीरे धीरे उन पर फर्जी दिव्यांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट के आधार पर सिविल सर्विस में चयनित होने के आरोप लगे। इस घटना के बाद लोगों के मन में एक सवाल उठ रहे हैं कि क्या यूपीएससी किसी अधिकारी के खिलाफ फैसला ले सकता है? क्या यूपीएससी किसी अधिकारी को को उनके पद से हटा सकता है।
देश के प्रतिष्ठित पद आईएएस तक पहुंचने के लिए कैंडिडेट्स को बहुत मेहनत करनी पड़ती है। संघ लोक सेवा आयोग की ये जिम्मेदारी होती है कि वो सही कैंडिडेट्स का चयन करे। कई चरणों की परीक्षाएं पास होने के बाद चयन होता है और एक बार सेवा ज्वॉइन करने के बाद इन्हें पद से हटाना आसान नहीं होता।
जानकारों की मानें तो आईएएस हो या किसी और रैंक के अफसर उनके चयन में तो संघ लोक सेवा आयोग की भूमिका होती है। लेकिन उन्हें पद से हटाने या सस्पेंड करने में यूपीएससी का कोई रोल नहीं होता। यहां तक की आईएएस को उस राज्य की सरकार भी सस्पेंड नहीं कर सकती।
एक आईएएस अधिकारी को कुछ खास स्थितियों में सस्पेंड किया जा सकता है। यदि किसी अधिकारी ने कोई क्राइम किया है, या भारतीय संविधान के तहत किसी भी नियम का उल्लंघन किया है तो ऐसे में उसे सेवा से हटाया जा सकता है। हालांकि, ये अधिकार केवल देश के राष्ट्रपति के पास होता है। वहीं खास परिस्थितियों में एक आईएएस अधिकारी को सेवा से निलंबित करने का अधिकार राज्य सरकार के पास भी होता है। बता दें, अगर किसी IAS को सस्पेंड करते हैं तो इसकी जानकारी कैडर कंट्रोल अथॉरिटी को देनी होती है और 30 दिन से अधिक निलंबन जारी रखने के लिए केंद्र सरकार से परमिशन लेनी होती है।
आईएएस ट्रेनी (IAS Trainee) पूजा खेडकर पर आरोप हैं कि उन्होंने फर्जी दस्तावेज लगाकर और दिव्यांग कोटे का इस्तेमाल करके पद पाने की कोशिश की। उनके खिलाफ यूपीएससी ने एफआईआर दर्ज की है। LBSNAA ने उनका ट्रेनिंग प्रोग्राम रद्द कर दिया है। जानकारों की मानें तो अब इस मामले में अंतिम फैसला देश की राष्ट्रपति ही कर सकती हैं।
Updated on:
26 Jul 2024 08:33 am
Published on:
25 Jul 2024 08:14 pm
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