विज्ञप्ति में बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि उसने नौवीं से 12वीं कक्षा के 2020-21 के शैक्षणिक सत्र में करीब 190 विषयों के पाठ्यक्रमों में 30 फीसदी की कटौती की। इसका मकसद कोरोना महामारी के कारण देश में स्वास्थ्य आपात स्थिति से तनाव से गुजर रहे छात्र-छात्राओं का तनाव कम करना है। यह एक बार के उपाय के रूप में किया गया है। बोर्ड ने यह भी कहा है कि 2020-21 की परीक्षा में कोई भी सवाल कम किए गए पाठ्यक्रम से नहीं पूछा जाएगा।
बोर्ड ने आगे स्पष्ट किया है कि सभी स्कूलों को एनसीईआरटी (NCERT) द्वारा तैयार वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर (alternative academic calendar) को पालन करने का निर्देश दिया गया है। इसीलिए मीडिया में उपरोक्त विषयों को हटाए जाने के बारे में जो खबर छपी है, उन विषयों को एनसीईआरटी के वैकल्पिक एकेडमिक कैलेंडर (NCERT alternative academic calendar) में शामिल किया गया है और वह सीबीएसई से जुड़े स्कूलों में लागू है। विज्ञप्ति में इस बात को फिर से कहा गया है कि जिन विषयों को पाठ्यक्रम से बाहर किये जाने की बात कही जा रही है वे कम किए गए पाठ्यक्रम में और एनसीआरटी के वैकल्पिक पाठ्यक्रम कैलेंडर में शामिल हैं।