8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Course For Tea Sellers: चाय विक्रेताओं के लिए केंद्र की नई पहल, अब मिलेगी प्रोफेशनल ट्रेनिंग

Skill Training For Tea Sellers: भारत में चाय सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि संस्कृति और आजीविका का अहम हिस्सा है। देशभर में लाखों चाय विक्रेता अपनी छोटी दुकानों या ठेलों के जरिए न केवल रोजगार चला रहे हैं, बल्कि समाज से भी जुड़े हुए हैं।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Anamika Mishra

Oct 03, 2025

Skill training for tea sellers, Government course for tea vendors, Tea sellers training program India, Tea vendor skill development scheme, Tea seller training initiative,

अब चाय विक्रेताओं को मिलेगी प्रोफेशनल ट्रेनिंग। (Image Source: Chatgpt)

Tea Seller Training Program: भारतीयों के लिए चाय किसी स्ट्रेस बस्टर से कम नहीं है। चाय लोगों के लिए सिर्फ एक ड्रिंक नहीं बल्कि भावना है। ऐसे में सरकार ने चाय सोमेलियर और चाय चखने पर एनसीवीईटी-अनुमोदित कौशल पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। ये पाठ्यक्रम देशभर में चाय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए डिजाइन किए गए हैं, और प्रशिक्षण सत्र कुर्सियांग स्थित भारतीय चाय बोर्ड के दार्जिलिंग चाय अनुसंधान एवं विकास केंद्र में आयोजित किए जाएंगे।

चाय दिवस पर विशेष घोषणा

यह घोषणा अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के अवसर पर की गई, जब वाणिज्य विभाग के सचिव, आईएएस सुनील बर्थवाल ने औपचारिक रूप से इस पहल का अनावरण किया। भारतीय चाय बोर्ड ने भारत और विदेश में मौजूदा चाय-संबंधी कार्यक्रमों का आकलन करने के लिए एक समिति भी गठित की है।

क्या है समिति का काम

समिति को एक व्यापक पाठ्यक्रम विकसित करने का काम सौंपा गया है जो अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों को पूरा करता हो, भारतीय चाय उद्योग की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करता हो और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप हो।

दो नए कोर्स

समिति की सिफारिशों के बाद, भारतीय कृषि कौशल परिषद (एएससीआई) के सहयोग से दो नए पाठ्यक्रम बनाए गए हैं। चाय सोमेलियर्स का कार्यक्रम 60 घंटे तक चलेगा और इसमें चाय के मूल सिद्धांतों, चाय की सराहना, पेशेवर चखने की तकनीक, नवीन चाय मिश्रणों का विकास, तथा कलात्मक और भविष्य में उपयोग होने वाली प्रथाओं के उपयोग को शामिल किया जाएगा।

दूसरा कार्यक्रम

वहीं, चाय चखने का मूल सिद्धांत पाठ्यक्रम अधिक व्यापक होगा, जो 210 घंटे तक चलेगा। इसमें फैक्ट्री स्तर पर चखने के संचालन, चखने के सत्रों के संचालन और प्रबंधन, चखने के परिणामों के आधार पर चाय मिश्रण, तथा चाय निर्माण और चखने में आधुनिक प्रथाओं को लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

लाभ

इन कार्यक्रमों से विश्व स्तर पर भारत की चाय प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए ज्ञान और कौशल से लैस पेशेवरों की एक नई पीढ़ी तैयार करने की संभावना जताई जा रही है।