
Sainik School(Photo-Official, Created By-Patrika.com)
Sainik School History: सैनिक स्कूल का इतिहास बहुत पुराना और समृद्ध है। सेना में बेहतर और शुरुआत से सकारात्मक सोच के साथ युवा सेना में आए, इसी सोच से 1961 में सैनिक स्कूलों की शुरुआत हुई। इन स्कूलों की स्थापना तत्कालीन रक्षा मंत्री वी. के. कृष्णा मेनन ने की थी। इसका मकसद था कि भारतीय सेना के अधिकारी स्तर पर क्षेत्रीय और सामाजिक असंतुलन को दूर किया जाए। सैनिक स्कूल दरअसल ऐसे सरकारी स्कूल हैं जो छात्रों को न सिर्फ पढ़ाई में तेज बनाते हैं, बल्कि उन्हें शारीरिक रूप से मजबूत और मानसिक रूप से तैयार करते हैं ताकि वे National Defense Academy (NDA) और Indian Naval Academy(INA) में जाकर सेना के अफसर बन सकें।
यह स्कूल रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) के अंतर्गत सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा चलाए जाते हैं। ये राज्य सरकारों के साथ मिलकर एक संयुक्त प्रयास (Joint Venture) के रूप में काम करते हैं। केंद्र सरकार फंड देती है और सेना के अधिकारी स्कूलों में नियुक्त होते हैं, जबकि राज्य सरकार जमीन , भवन और अन्य कर्मचारी उपलब्ध कराती है।
इन स्कूलों की प्रेरणा रॉयल इंडियन मिलिट्री कॉलेज (RIMC) और रॉयल इंडियन मिलिट्री स्कूल्स (अब राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल/RMS) से मिली, जिन्होंने भारत को कई सेना प्रमुख दिए हैं। आज सैनिक स्कूल, RIMC और RMS मिलकर NDA और INA में करीब 25% से 30% तक अफसर कैडेट्स भेजते हैं।
हालांकि सैनिक स्कूल लखनऊ 1960 में बना था, लेकिन यह उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा संचालित होता है, न कि सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा। पहला आधिकारिक सैनिक स्कूल सातारा (महाराष्ट्र) में 23 जून 1961 को खोला गया था।
2021 तक देश में 33 सैनिक स्कूल थे। सरकार ने अब 100 और सैनिक स्कूल खोलने की योजना बनाई है, जो पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत चलाए जाएंगे। सैनिक स्कूलों में अब लड़कियों को भी दाखिला दिया जा रहा है, जो लैंगिक समानता की दिशा में बड़ा कदम है।
सैनिक स्कूलों में CBSE पाठ्यक्रम लागू होता है, लेकिन इसके साथ ही छात्रों को सेना की तैयारी भी कराई जाती है। सैनिक स्कूलों में कक्षा 6वीं और 9वीं में प्रवेश दिया जाता है। इसके लिए एक ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जाम (AISSEE) आयोजित होता है। आरक्षण की सुविधा अनुसूचित जाति, जनजाति, राज्य के मूल निवासियों और पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए होती है।
| क्रम संख्या | राज्य | स्थान | स्थापना तिथि |
|---|---|---|---|
| 1 | आंध्र प्रदेश | कुरुकोंडा | 18 जनवरी 1962 |
| 2 | आंध्र प्रदेश | कालिकिरी | 20 अगस्त 2014 |
| 3 | अरुणाचल प्रदेश | ईस्ट सियांग | 2018 |
| 4 | असम | गोलपारा | 12 नवम्बर 1964 |
| 5 | बिहार | नालंदा | 12 अक्टूबर 2003 |
| 6 | बिहार | गोपालगंज | 12 अक्टूबर 2003 |
| 7 | छत्तीसगढ़ | अंबिकापुर | 01 सितम्बर 2008 |
| 8 | गुजरात | बालाचाड़ी | 08 जुलाई 1961 |
| 9 | हरियाणा | कुंजपुरा | 24 जुलाई 1961 |
| 10 | हरियाणा | रेवाड़ी | 29 अगस्त 2009 |
| 11 | हिमाचल प्रदेश | सुजानपुर टिहरा | 02 नवम्बर 1978 |
| 12 | जम्मू और कश्मीर | नगरोटा | 22 अगस्त 1970 |
| 13 | झारखंड | तिलैया | 16 सितम्बर 1963 |
| 14 | कर्नाटक | बीजापुर | 16 सितम्बर 1963 |
| 15 | कर्नाटक | कोडगु | 18 अक्टूबर 2007 |
| 16 | केरल | कज़ाकूट्टम | 26 जनवरी 1962 |
| 17 | मध्य प्रदेश | रीवा | 20 जुलाई 1962 |
| 18 | महाराष्ट्र | सतारा | 23 जून 1961 |
| 19 | महाराष्ट्र | चंद्रपुर | 2019 |
| 20 | मणिपुर | इंफाल | 07 अक्टूबर 1971 |
| 21 | मिजोरम | छिंगछिप | 21 अप्रैल 2017 |
| 22 | नागालैंड | पूंगलवा | 02 अप्रैल 2007 |
| 23 | ओडिशा | भुवनेश्वर | 01 फरवरी 1962 |
| 24 | ओडिशा | संबलपुर | 2020 |
| 25 | पंजाब | कपूरथला | 08 जुलाई 1961 |
| 26 | राजस्थान | चित्तौड़गढ़ | 07 अगस्त 1961 |
| 27 | राजस्थान | झुंझुनूं | 13 दिसम्बर 2012 |
| 28 | तमिलनाडु | अमरावतीनगर | 16 जुलाई 1962 |
| 29 | उत्तराखंड | घोड़ाखाल | 21 मार्च 1966 |
| 30 | उत्तर प्रदेश | झाँसी | 02 अगस्त 2019 |
| 31 | उत्तर प्रदेश | मैनपुरी | 2019 |
| 32 | उत्तर प्रदेश | अमेठी | 2020 |
| 33 | उत्तर प्रदेश | गोरखपुर | 2020 |
| 34 | पश्चिम बंगाल | पुरुलिया | 29 जनवरी 1962 |
Published on:
31 May 2025 04:01 pm
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