
India-Germany : भारत और भारतीय जो जर्मनी में काम करने की दिशा में सोच रहे हैं, उनके लिए बेहद जरुरी और अहम जानकारी सामने आई है। जर्मनी ने एक अहम फैसला लेते हुए भारत के कुशल कारीगरों के लिए वीजा का सालाना कोटा 20,000 से बढ़ाकर 90,000 कर दिया है। यह लगभग 4.5 गुना बढ़ोतरी है। दरअसल, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज(Olaf Scholz) भारत के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। ओलाफ शोल्ज ने अपने भारत दौरे पर यह ऐलान किया है।
जर्मनी के इस फैसले से पहले हर साल 20,000 कुशल कारीगरों( Skilled Professionals) को जर्मनी जाकर काम करने के लिए वीजा मिलता था। लेकिन अब इसे कई गुना बढ़ाकर 90,000 कर दिया गया है। इससे देश भर के युवाओं को फायदा होगा। अब अधिक संख्या में Professionals विदेश जाकर काम कर पाएंगे। जिससे न सिर्फ भारतीय युवा बल्कि जर्मनी को भी सीधे फायदा होने जा रहा है।
दरअसल, जर्मनी ने यह फैसला भारत के हित में कम और अपने हित ज्यादा सोचकर लिया है। क्योंकि जर्मनी के सामने कुशल कारीगरों का संकट है। इस समय जर्मनी Skilled Professionals की कमी का सामना कर रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है कि इस देश की आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है। आंकड़ों के मुताबिक 2014 में जर्मनी की लगभग 27 प्रतिशत आबादी 60 साल या उससे ज्यादा उम्र की थी। अब इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि 2030 तक यह आंकड़ा 35 प्रतिशत तक पहुंच बनाए सकती है। इसलिए Germany के अर्थव्यवस्था की गति को बनाए रखने के लिए यह जरुरी है कि युवा और स्किल्ड लोग जर्मनी में काम कर सकें।
भारत और जर्मनी के बीच राजनयिक संबंध की शुरुआत साल 1951 में हुई थी। जिसके बाद से इन दोनों देश के बीच कारोबार भी हो रहा है। फिलहाल भारत और जर्मनी का द्विपक्षीय कारोबार 30 बिलियन डॉलर से अधिक पहुंच गया है। वहीं बात करें तो साल 2000 से दोनों देशों के बीच 'रणनीतिक साझेदारी' और साथ ही 2017 से सामाजिक सुरक्षा पर व्यापक समझौता भी लागू है। जिससे दोनों देशों के रिश्ते और मजबूत हो रहे हैं।
Updated on:
27 Oct 2024 12:15 pm
Published on:
26 Oct 2024 03:54 pm
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