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युवाओं के रोजगार, शिक्षा पर सरकार ने ध्यान दिया : राष्ट्रपति कोविंद

locationजयपुरPublished: Jan 31, 2019 06:54:59 pm

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के युवा वर्ग को सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा युवा देश है। यह देखते हुए उनकी सरकार ने कौशल विकास तथा स्वरोजगार पर ध्यान केन्द्रित किया है।

Ramnath Kovind

Ramnath Kovind

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश के युवा वर्ग को सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा युवा देश है। यह देखते हुए उनकी सरकार ने कौशल विकास तथा स्वरोजगार पर ध्यान केन्द्रित किया है। कोविंद ने गुरुवार को संसद के बजट सत्र के प्रारम्भ होने पर दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि युवा ही हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत हैं। भारत, दुनिया का सबसे युवा देश है और 21वीं सदी के युवा भारत की उम्मीदें, तथा उसके सपने मेरी सरकार की नीतियों-निर्णयों को प्रेरित करते रहे हैं। उन्होंने कहा, अपने पैरों पर खड़ा होने की ललक रखने वाले युवाओं को ध्यान में रखते हुए कौशल विकास अभियान शुरू किया गया। इस अभियान के तहत पिछले चार वर्षो में प्रतिवर्ष औसतन एक करोड़ युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया है। आने वाले समय में देश में 15 हजार से ज्यादा आईटीआई, 10 हजार से ज्यादा कौशल विकास केन्द्र और 600 से अधिक प्रधानमंत्री कौशल केन्द्रक, भारत के युवाओं के कौशल को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे।

राष्ट्रपति ने कहा कि नौजवानों को अपने व्यवसाय के लिए आसानी से ऋण प्राप्त हो, इसके लिए ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के तहत, बिना किसी गारंटी के सात लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के ऋण दिए गए हैं। इसका लाभ, ऋण प्राप्त करने वाले 15 करोड़ से ज्यादा लोगों ने उठाया है। इस योजना के तहत चार करोड़ 26 लाख से ज्यादा लोगों ने पहली बार ऋण लेकर अपना व्यवसाय प्रारंभ किया है। इसके साथ ही मेरी सरकार ने ‘स्टार्ट अप इंडिया’ तथा ‘स्टैंड अप इंडिया’ के माध्यम से नौजवानों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में आर्थिक सहायता प्रदान की है, जिसके फलस्वरूप आज भारत का नाम ‘स्टार्ट अप’ की दुनिया में अग्रिम पंक्ति के देशों में लिया जा रहा है।

स्थापित किए जा रहे नए शिक्षण संस्थान
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि ‘प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना’ के द्वारा सरकार ने नौकरियों को इंसेन्टिव के साथ जोड़ा है। इस योजना के तहत, किसी नौजवान को नई नौकरी मिलने पर, जो कर्मचारी पेंशन स्कीम (ईपीएस) और कर्मचारी भविष्य निधि का 12 प्रतिशत, नियोक्ता की तरफ से दिया जाना होता है, वो पहले तीन वर्ष तक सरकार द्वारा दिया जा रहा है। इस योजना का लाभ देश के एक करोड़ से ज्यादा युवाओं को मिल चुका है। राष्ट्रपति ने मोदी सरकार के कार्यकाल में उच्च शिक्षा के विकास का जिक्र करते हुए कहा कि हर माता-पिता का सपना होता है कि उनके बेटी-बेटे अच्छी तरह पढ़-लिख कर जीवन में आगे बढ़ें। उच्च स्तरीय प्रोफेशनल एजुकेशन के अवसरों को बढ़ाने के लिए सरकार नए शिक्षण संस्थानों की स्थापना कर रही है और सात आईआईटी, सात आईआईएम, 14 ट्रिपल आईटी, एक एनआईटी, और चार एनईडी की स्थापना की जा रही है। देश में अनुसंधान को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार द्वारा दी जा रही स्कॉलरशिप और फेलोशिप की राशि में 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा 103 केन्द्रीय विद्यालय हर आदिवासी बहुल तालुके में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय और 62 नए नवोदय विद्यालय बनाने की दिशा में कदम उठाकर शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत आधार देने का काम किया जा रहा है।

बदलती तकनीकी के साथ बदल रहे रोजगार, व्यवसाय के तरीके
उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए सरकार द्वारा कई दिशाओं में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्र के भविष्य को मजबूत बनाने के लिए बहुत आवश्यक है कि जो बच्चे अभी विद्यालयों में हैं, उन्हें अपने विचारों की उड़ान को सच्चाई में बदलने का पूरा अवसर मिले। विचार से नवाचार की इसी सोच के साथ सरकार, पांच हजार से अधिक ‘अटल टिंकरिंग लैब्स’ की स्थापना के लिए तत्पर है। कोविंद ने कहा कि बदलते समय और बदलती तकनीकी के साथ रोजगार और व्यवसाय के तरीके बदल रहे हैं। हमारे देश का युवा इसके लिए तैयार हो सके, इस दिशा में मेरी सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किया जा रहा है। युवा केन्द्रित ‘खेलो इंडिया’ अभियान के तहत, मेरी सरकार देश के कोने-कोने से प्रतिभावान खिलाडिय़ों की पहचान कर, उन्हें आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इसके चयन में पारदर्शिता है, जिससे खिलाड़यिों का मनोबल बढ़ा है। इसका परिणाम हमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल रहे पदकों के रूप में दिखाई देता है।

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