हर महीने कमाएंगे लाखों, बनाएं एथिकल हैकिंग में कॅरियर
साइबर अपराधों की बढ़ती तादाद के बीच मूल्यवान इंफॉर्मेशन सिस्टम की सुरक्षा के लिए एथिकल हैकरों की मांग जोर पकड़ रही है।

वर्चुअल दुनिया का दायरा जिस तरह दिनों-दिन बढ़ रहा है, आईटी आधारित सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं भी परेशानी का सबब बन रही हैं। हर रोज दुनिया के किसी न किसी कोने में नेटवर्क, वेबसाइट और ई-मेल अकाउंट्स की सुरक्षा दांव पर लगी होती है। इंटरनेट पर साइबर अपराध के मामलों में चिंताजनक रफ्तार से वृद्धि देखी जा रही है।
इन मामलों में किसी व्यक्ति या संस्था के कम्प्यूटर सिस्टम में सेंध लगाकर संवेदनशील डाटा चुराने से लेकर पासवर्ड चोरी करने, भद्दे ई-मेल भेजने और ई-मेल अकाउंट को हैक करने जैसी घटनाएं शामिल होती हैं। इंटरनेट से जुड़े कम्प्यूटरों से सूचनाओं को अवैध ढंग से प्राप्त करने वालों को हैकर कहा जाता है। मगर जब यही काम कम्प्यूटर सिस्टम के सुरक्षा उपायों को जांचने और उसे पुख्ता बनाने के उद्ेदश्य से किया जाता है, तो उसे एथिकल हैकिंग कहते हैं। इस कार्य को करने वाले पेशेवर एथिकल हैकर के नाम से जाने जाते हैं। साइबर अपराधों की बढ़ती तादाद के बीच मूल्यवान इंफॉर्मेशन सिस्टम की सुरक्षा के लिए एथिकल हैकरों की मांग जोर पकड़ रही है। इस कारण यह पेशा नौकरी की आकर्षक संभावनाओं के द्वार खोल रहा है।
एथिकल हैकर का काम
इन पेशेवरों को व्हाइट हैट्स या पेनिशन टेस्टर के नाम से भी जाना जाता है। कम्प्यूटर और नेटवर्क से संबंधित तकनीकों में इन्हें विशेषज्ञता प्राप्त होती है। इनका काम कम्प्यूटर सिक्योरिटी उत्पाद बनाने वाली कंपनी के लिए किसी निर्धारित कम्प्यूटर सिस्टम पर हमला करना होता है, ताकि सिस्टम की उन कमियों का पता लगाया जा सके, जिन्हें तलाशकर हैकर साइबर अपराधों को अंजाम देते हैं।
एक प्रकार से एथिकल हैकर भी हैकरों (साइबर अपराधी) जैसा ही काम करते हैं, लेकिन उनका उद्देश्य किसी कम्प्यूटर सिस्टम को नुकसान पहुंचाने की बजाए उसे पहले से ज्यादा सुरक्षित बनाना होता है। इंटरनेट पर बढ़ती निर्भरता के कारण एथिकल हैकर आईटी सिक्योरिटी इंडस्ट्री की अहम जरूरत बन गए हैं। यह एक चुनौतीपूर्ण पेशा है, जो जरूरत पडऩे पर 24 घंटे काम में जुटे रहने की भी अपेक्षा रखता है। एथिकल हैकर को हमेशा खुद को कम्प्यूटर सिस्टम से संबंधित नई तकनीकों से अपडेट रखना होता है, ताकि वह नई चुनौतियों का तेजी से हल तलाश सकें।
योग्यता
इस पेशे में आने के लिए कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग का अच्छा ज्ञान जरूरी होता है। इसलिए कम्प्यूटर साइंस, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी या कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री का होना आवश्यक है। शैक्षणिक योग्यता के साथ C, C++ आदि प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और कम्प्यूटर में इस्तेमाल होने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम मसलन विंडोज या लायनक्स की जानकारी का होना भी जरूरी है।
उपलब्ध पाठ्यक्रम
(1) सर्टिफिकेट कोर्स इन साइबर लॉ
(2) सीसीएनए सर्टिफिकेशन
(3) सर्टिफाइड एथिकल हैकर
(4) सर्टिफाइड इंफॉर्मेशन सिस्टम सिक्योरिटी प्रोफेशनल
(5) एमएससी साइबर फॉरेंसिक्स एंड इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी
(6) पीजी डिप्लोमा इन डिजिटल एंड साइबर फॉरेंसिक्स
(7) पीजी डिप्लोमा इन साइबर लॉ
(8) पीजी डिप्लोमा इन आईटी सिक्योरिटी
(9) एडवांस डिप्लोमा इन एथिकल हैकिंग
इन इंस्टीट्यूट्स से कर सकते हैं कोर्स
(1) एनआईईएलआईटी
(2) सीईआरटी
(3) इंडियन स्कूल ऑफ एथिकल हैकिंग
(4) तिलक महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी
(5) इन्नोबज नॉलेज सॉल्यूशन्स प्रा. लि.
(6) आईएमटी गाजियाबाद
(7) इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी
पर्याप्त हैं रोजगार के अवसर
फिलहाल देश में एथिकल हैकरों की काफी कमी है। इसलिए कई कंपनियां अपने नेटवर्क में मौजूद खामियों को खोजने के लिए एक ही पेशेवर की मदद लेती हैं। इन पेशेवरों की सरकारी क्षेत्र के संस्थानों में भी काफी पूछ है। सेना, पुलिस बलों (सीबीआई और एनआईए), फॉरेंसिक प्रयोगशालाओं और रक्षा अनुसंधान संगठनों में विशेष रूप से एथिकल हैकरों की मदद ली जाती है। जासूसी एजेंसियों में भी इनके लिए काफी अवसर हैं।
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