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विज्ञान संकाय में भौतिक शास्त्र यानी फिजिक्स (इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी) को टॉप पर गिना जाता है। इस विषय के अंतर्गत ब्रह्मांड और इससे जुड़ी सभी छोटी बड़ी चीजों को समझने का मौका मिलता है। कॅरियर की बात करें तो इस क्षेत्र के जरिए कई पदों पर काम किया जा सकता है। आप चाहें तो इसके अंतर्गत बायोफिजिक्स, हैल्थ/ मेडिकल फिजिक्स, ऑप्टिकल फिजिक्स, फ्ल्यूइड फिजिक्स और प्लाजमा फिजिक्स आदि टॉपिक में स्पेशलाइजेशन करके कॅरियर की राह आसान कर सकते हैं। फिजिक्स विषय से ग्रेजुएट हैं तो कई विकल्प होंगे। वहीं इससे आगे की पढ़ाई में मास्टर्स और डॉक्टरल डिग्री प्राप्त कर इंडस्ट्रियल या गवर्नमेंट रिसर्च व डेवेलपमेंट लैब या टीचिंग का रास्ता चुन सकते हैं। एप्लाइड साइंस की बात करें तो फिजिक्स विषय से ग्रेजुएशन करने के बाद जॉब कर सकते हैं। इसमें फिजिक्स के आधारभूत और सीमित ज्ञान का प्रयोग करना होता है।
इन क्षेत्रों में बना सकते कॅरियर
एस्ट्रोफिजिक्स - एस्ट्रोनॉमी की इस शाखा में यूनिवर्स का अध्ययन करना होता है।
फ्ल्यूइड फिजिक्स - औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने के दौरान गैस, द्रव्य व प्लाज्मा के प्रकृति की जांच करनी होती है।
बायोफिजिक्स - इसमें बायोलॉजिकल सिस्टम की विधि, सिद्धांत, भौतिकी और जैविक विज्ञान का अध्ययन करना होता है।
ऑप्टिकल फिजिक्स - फिजिक्स की इस शाखा में प्रकाश, दृष्टि और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन आदि से संबंधित जानकारी प्राप्त की जाती है।
मेडिकल फिजिक्स - हेल्थकेयर सेवाओं में फिजिक्स के सिद्धांतों का प्रयोग किया जाता है।
जियोफिजिक्स - पृथ्वी और इसके पर्यावरण के बारे में पढ़ाई की जाती है।
इंजीनियरिंग फिजिक्स - फिजिक्स, एप्टीट्यूड साइंस और इंजीनियरिंग में रुचि रखने वालों के लिए यह क्षेत्र अच्छा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (वीएसएससी) और नेशनल फिजिकल लैबोरेट्री में जियोफिजिक्स प्रोफेशनल की काफी डिमांड है।
इन पदों पर कर सकते हैं कार्य
फिजिक्स विषय में ग्रेजुएट, मास्टर्स या उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने के बाद अभ्यर्थी एस्ट्रोनॉट के अलावा एक्सीलेटर ऑपरेटर, एप्लीकेशन इंजीनियर, टीचर, लैब टेक्नीशियन, लेसर इंजीनियर, ऑप्टिकल इंजीनियर, रिसर्च एसोसिएट, ग्रेविटी रिसर्चर, आर्किटेक्ट व अन्य पदों पर कार्य कर सकते हैं।
यहां से ले सकते हैं शिक्षा
Published on:
24 Apr 2020 06:22 pm
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