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Education News अगर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे पर मुहर लगती है तो हर राज्य में अब 5वीं और 8वीं कक्षा में पास-फेल करने वाली व्यवस्था (बोर्ड सिस्टम) लागू हो जाएगी। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम काफी जटिल है, इसलिए सरकार ने उसे आधा करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार (आरटीई) अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन राज्यों को 5वीं और 8वीं की परीक्षा कराने की शक्ति देता है।
मसौदे को जुलाई में संसद के समक्ष पेश करने की उम्मीद है। जून के अंत तक इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने कहा-मंत्रालय कक्षाओं, विषयों और पाठों पर मिले 37 हजार सुझावों पर विचार कर रहा है। पाठ्यक्रम को आधा करने से छात्रों को विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने के लिए समय मिलेगा। जावड़ेकर ने उम्मीद जताई कि संसद के मानसून सत्र में शिक्षा का अधिकार अधिनियम में संशोधन के बाद इसे पास किया जा सकता है। मार्च 2019 तक हर राज्य 5वीं और 8वीं कक्षा में पास-फेल करने का सिस्टम ला सकेंगे।
जावड़ेकर ने कहा कि खेलों को बढ़ावा के लिए प्राथमिक विद्यालयों को 5000, उच्च प्राथमिक को 10,000 एसएसएसी और एचएससी स्तर के स्कूलों को 25,000 रुपए दिए जाएंगे। प्रत्येक स्कूल को 5000 से 20000 रुपए तक लाइब्रेरी अनुदान दिया जाएगा। जावड़ेकर ने कहा कि यह व्यवस्था अमल में आने के बाद छात्रों को खराब प्रदर्शन पर दो कक्षाओं में रोका जाएगा। दो माह बाद फेल छात्रों को अतिरिक्त कक्षाएं मिलेंगी। इसके बाद ऐसे छात्रों की फिर परीक्षा ली जाएगी। अगर छात्र इसमें में भी फेल होते हैं तो उन्हें दोबारा उसी कक्षा में पढऩा होगा।
25 राज्यों ने प्रस्ताव पर भरी हामी, अगस्त तक मसौदा आएगा
जावड़ेकर ने कहा, पश्चिम बंगाल समेत 25 राज्यों ने इस प्रस्ताव पर हामी भरी है और जो ऐसा नहीं चाहते, मैं उनकी स्वतंत्रता का सम्मान करता हूं। शिक्षा नीति में बदलाव का मसौदा अगस्त तक धरातल पर आ जाएगा और विचार के लिए अन्य राज्यों पर छोड़ा जाएगा।
Published on:
04 Jun 2018 07:54 am
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