
Independence Day Facts: हजारों लोगों के योगदान और संघर्ष के बदौलत भारत ने 15 अगस्त 1947 को आधी रात में आजादी पाई, जब देश के आधे से अधिक लोग सो रहे थे। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि ब्रिटिश सरकार ने भारत को आजादी देने के लिए 15 अगस्त की ही तारीख क्यों मुकर्रर की थी। क्यों आजादी की घोषणा आधी रात को हुई थी?
दरअसल, जब भारत अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ तो उस वक्त लार्ड माउंटबेटन वायसराय और गवर्नर-जनरल थे। माउंटबेटन लक में विश्वास रखते थे। उनका मानना था कि 15 अगस्त की तारीख उनके लिए लकी है। इसके पीछे भी एक कहानी है। 15 अगस्त 1945 को जापानी सेना ने आत्मसमर्पण किया था। माउंटबेटन उस वक्त अलाइड फ़ोर्सेज़ के कमांडर थे। उन्हें इस जीत के हीरोज़ में गिना जाता है। यही वजह है कि जब भारत को आजादी देने की बात आई तो उन्होंने 15 अगस्त की तारीख चुनी।
जानकारों के अनुसार, आधी रात को आजादी देने के पीछे कई कारण थे। इसमें से एक कारण था, पाकिस्तान और भारत का बंटवारा। दरअसल, उस दौर के बड़े नेताओं और अंग्रेजी हूकुमत को डर था कि अगर दिन में आजादी दी गई और भारत पाकिस्तान का बंटवारा किया तो इससे दंगे भड़क सकते हैं। ऐसे में कानून व्यवस्था को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता। यही कारण था कि आजादी देने के लिए आधी रात का समय चुना गया।
वहीं इसके पीछे और भी कारण बताए जाते हैं। पाकिस्तान को भारत से एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को आजादी मिली। वाइसराय लॉर्ड माउंटबेटन को 14 अगस्त को ही पाकिस्तान में स्थानांतरण के लिए कराची जाना था और देर रात भारत वापिस लौटना था। यही वजह है कि फैसला किया गया कि भारत को आजादी आधी रात को दी जाएगी। लेकिन तथ्य बताते हैं कि ब्रिटिश सरकार ने ऐलान किया था कि पाकिस्तान और भारत दोनों एक ही समय यानी 15 अगस्त 1947 को ज़ीरो आवर पर स्वतंत्र होंगे। यही वजह है कि आधी रात को नई दिल्ली में भारत की स्वतंत्रता का ऐलान हुआ।
Updated on:
13 Aug 2024 05:07 pm
Published on:
13 Aug 2024 05:02 pm
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