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सैनिक स्कूलों में एडमिशन के विभिन्न तरीकों को जानें…..

भारत (India) में विभिन्न रक्षा अकादमियों (Defence Academies) के लिए सीबीएसई (CBSE) से संबद्ध 39 को-एड अंग्रेजी माध्यम फीडर संस्थान हैं। ये आवासीय पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर कक्षा 6वीं-12वीं तक संचालित होते हैं जो रक्षा बलों में शामिल होने वाले लड़के-लड़कियों को शिक्षा प्रदान करते हैं। मेरिट कम मीन्स कॉन्सेप्ट के अनुसार स्कॉलरशिप भी देते हैं।

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Sainik School

Sainik School

भारत (India) में विभिन्न रक्षा अकादमियों (Defence Academies) के लिए सीबीएसई (CBSE) से संबद्ध 39 को-एड अंग्रेजी माध्यम फीडर संस्थान हैं। ये आवासीय पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर कक्षा 6वीं-12वीं तक संचालित होते हैं जो रक्षा बलों में शामिल होने वाले लड़के-लड़कियों को शिक्षा प्रदान करते हैं। मेरिट कम मीन्स कॉन्सेप्ट के अनुसार स्कॉलरशिप भी देते हैं। भारत के रक्षा बलों में अपने बच्चों को देखने के इच्छुक माता- पिता उन्हें राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (Rashtriya Indian Military College) (आरआइएमसी) (RIMC), देहरादून या पांच राष्ट्रीय सैन्य स्कूलों (आरएमएस) में से एक या 33 सैनिक स्कूलों (Sainik Schools) में से किसी एक में डाल सकते हैं। जल्द ही अलवर, रुद्रप्रयाग और वारंगल में तीन और सैनिक स्कूल स्थापित किए जाएंगे। जानें प्रवेश के तरीके -

नए सैनिक स्कूल की स्थापना
राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (आरआइएमसी) रक्षा मंत्रालय के तत्वावधान में प्रशासित है। वहीं, सैनिक स्कूल सोसायटी रक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन है जो एसएस को संबंधित राज्य सरकारों के साथ संयुक्त उद्यम के रूप में चलाता है। रक्षा मंत्रालय, प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल व एडमिन ऑफिसर जैसी प्रमुख भूमिकाओं में वार्षिक फंडिंग सेवारत अधिकारियों को प्रदान करता है। राज्य सरकारें भूमि, बुनियादी ढांचा, शिक्षण व प्रशासनिक कर्मचारी प्रदान करती है। 18 नए सैनिक स्कूल भी एसएस पैटर्न पर तैयार किए जा रहे हैं। जरूरी नहीं कि ये सभी को-एड हों, लड़के/लड़कियां/को-एड हो सकते हैं। इनमें ९वीं कक्षा के बाद से अंग्रेजी माध्यम है और साथ ही इनमें किसी भी एक मान्यता प्राप्त शिक्षा बोर्ड से संबद्धता है। इसका बोर्डिंग होना जरूरी नहीं। ये मौजूदा 33 स्कूलों से अलग हैं। भारत सरकार ने अक्टूबर 2021 में एनजीओ/निजी स्कूलों और राज्यों के संग साझेदारी में देश में 100 एनएसएस की स्थापना के पहले चरण में मंजूरी दी थी। दूसरे चरण में 900 स्कूल स्थापित होंंगे।

राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज (आरआइएमसी) में प्रवेश
साढ़े ग्यारह से 13 वर्ष की आयु के बीच लगभग 25 कैडेट को हर छह माह में कक्षा ८वीं तक प्रवेश मिलता है। प्रति राज्य में एक रिक्ति आवंटित की जाती है। वहीं, बड़ी आबादी वाले राज्यों में दो रिक्तियां आवंटित होती हैं। कैंडिडेट का चयन, वर्ष में दो बार आयोजित अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है जिसमें अंग्रेजी, गणित और जीके के प्रश्नों की लिखित परीक्षा आयोजित होती है। सफल कैंडिडेट को वाइवा और वॉइस टेस्ट के लिए बुलाते हैं। इंटरव्यू के बाद योग्य कैंडिडेट को एक मेडिकल टेस्ट से गुजरना होगा जिसमें से फिट कैंडिडेट को चुनते हैं।

सैनिक स्कूलों (एसएस) में प्रवेश
कक्षा 6ठीं में प्रवेश के लिए कैंडिडेट की आयु 31 मार्च को 10-12 वर्ष के बीच और कक्षा 9वीं में १३-१५ वर्ष उम्र होनी चाहिए।

अखिल भारतीय सैनिक स्कूल प्रवेश परीक्षा (एआइएसएसईई)-
देशभर के इन स्कूलों में कक्षा 6ठीं से 9वीं में प्रवेश के लिए इस परीक्षा का आयोजन एनटीए द्वारा किया जाता है। कक्षा 6 के लिए गणित, इंटेलिजेंस, भाषा और जीके विषय शामिल हैं। Candidate अंग्रेजी/हिन्दी/असमिया/ बंगाली/गुजराती/कन्नड़/ मलयालम/मराठी/ओडिया/पंजाबी/तमिल/तेलुगू/उर्दू चुन सकते हैं। कक्षा 9 के लिए गणित/इंटेलिजेंस/अंग्रेजी/सामान्य व सामाजिक विज्ञान विषय शामिल हैं। परीक्षा में प्रदर्शन के आधार पर प्रवेश किया जाता है। परीक्षा के प्रत्येक विषय में न्यूनतम 25 फीसदी अंक और सभी विषयों में कुल 40 फीसदी अंक प्राप्तकर्ता इसके पात्र माने जाते हैं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वाले कैंडिडेट के लिए कोई न्यूनतम अंक निर्धारित नहीं हैं। उन्हें परीक्षा में उनकी संबंधित श्रेणियों में इंटर से मेरिट के आधार पर प्रवेश मिलेगा। लड़कियों के लिए प्रवेश सिर्फ कक्षा 6ठीं में खुला है। कुल रिक्तियों का 10 फीसदी या 10 सीटें जो भी अधिक हों लड़कियों के लिए आरक्षित हैं। लिखित परीक्षा के बाद ई-काउंसलिंग, सक्षम चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा प्रमाणित मेडिकल फिटनेस और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होता है। विभिन्न श्रेणियों के आधार पर आरक्षण तय हैं- राज्य/केंद्र शासित प्रदेश जहां एसएस स्थित हैं, में अधिवासित उम्मीदवार के लिए ६७ फीसदी। अन्य राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के लिए उम्मीदवार के लिए ३३ फीसदी। 67 व 33 प्रतिशत में केंद्रीय सूची के अनुसार 49.5 फीसदी सीटें, एससी 15 फीसदी, एसटी 7.5 फीसदी व ओबीसी-एनसीएल के लिए 27 फीसदी। 67 व 33 प्रतिशत में शेष 50.5 फीसदी सीटों में से 25 फीसदी रक्षा कर्मियों और पूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए हैं। 33 फीसदी में प्रत्येक श्रेणी में मेरिट के अनुसार सीटें आवंटित हैं जो किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के लिए श्रेणी में रिक्तियों की अधिकतम 25 फीसदी सीमा के अधीन हैं। अंतिम चयन एआइएसएसईई की मेरिट सूची में स्कूल-कक्षा-श्रेणी वार रैंक, मेडिकल फिटनेस और डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन पर आधारित है। स्कूल और मेरिट वार मेरिट सूची (कक्षा 6 व 9 के लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग) एनटीए द्वारा तैयार कर वेबसाइट पर होस्ट की जाती है।