
Kyrgyzstan MBBS: मध्य एशियाई देश किर्गिस्तान में इस वक्त करीब 15000 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश एमबीबीएस के छात्र हैं। भारत के बाहर किर्गिस्तान मेडिकल की अच्छी और सस्ती पढ़ाई के लिए मशहूर है। आइए, जानते हैं किन कारणों से किर्गिस्तान अपनी मेडिकल की पढ़ाई के लिए जाना जाता है। साथ ही भारत और यहां के मेडिकल कॉलेज की फीस में कितना अंतर है।
किर्गिस्तान में मेडिकल (Kyrgyzstan Medical College) की पढ़ाई करने की बड़ी वजह है, यहां की फीस। दरअसल, ऐसे छात्र जिनका नीट स्कोर इतना अच्छा नहीं होता कि वे सरकारी कॉलेज में दाखिला ले सकें, प्राइवेट कॉलेज की तलाश करते हैं। हालांकि, भारत के प्राइवेट कॉलेज हद से ज्यादा महंगे हैं। ऐसे में इन छात्रों को विदेशों का रुख करना पड़ता है। विदेश में ऐसे कई कॉलेज हैं, जो मेडिकल की अच्छी और सस्ती पढ़ाई ऑफर करते हैं। किर्गिस्तान जाने वाले छात्र बताते हैं कि वहां के कॉलेजों की फीस काफी कम होती है। किर्गिस्तान में एमबीबीएस 30 से 40 लाख रुपये में हो जाता है। जबकि भारत के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस 70 लाख से एक करोड़ रुपये तक है।
किर्गिस्तान से मेडिकल करने के लिए दूसरा बड़ा कारण ये है कि यहां कम नीट स्कोर (NEET Score) पर दाखिला हो जाता है। यहां नीट यूजी में कम पर्सेंटाइल स्कोर पर एमबीबीएस (Kyrgyzstan MBBS) कोर्स में प्रवेश मिल जाता है। हालांकि यहां भी एडमिशन के लिए क्वॉलिफाइंग नीट यूजी स्कोर (NEET UG Score) 40-50 पर्सेंटाइल है।
किर्गिस्तान में एडमिशन लेने के पीछे तीसरा बड़ा कारण है सीट्स। दरअसल, भारत में एमबीबीएस की कम सीटें (Medical Seats In India) हैं। सीमित सीटों के कारण कई छात्रों को काबिल होने के बाद भी यहां एडमिशन नहीं मिल पाता है। लेकिन किर्गिस्तान में इस तरह की कोई दिक्कत नहीं है।
बीते कई रोज से किर्गिस्तान विदेशी छात्रों के खिलाफ भड़की हिंसा (Kyrgyzstan Violence) के कारण सुर्खियों में है। यहां भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और मिस्र से आए छात्रों के खिलाफ हिंसा भड़क गई जिसने अब वृहत रूप ले लिया है। मध्य प्रदेश, राजस्थान समेत कई राज्यों के छात्र वहां फंसे हैं और भारत लौटने के लिए अपने-अपने राज्य की सरकारों से गुहार लगा रहे हैं।
Published on:
23 May 2024 02:30 pm
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