कॉलेजों में संशोधित पाठ्यक्रम पढ़ाया गया
अखिल भारतीय लोकतांत्रिक छात्र संगठन (एआइडीएसओ) ने रविवार को जारी बयान में कहा कि गुरुवार और शुक्रवार को आयोजित कर्नाटक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (केसीइटी) में शामिल हुए करीब 3.5 लाख परीक्षार्थी गंभीर संकट में हैं। 59 अंक के गणित, भौतिक शास्त्र, जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान के प्रश्न पाठ्यक्रम से बाहर के थे। पीयू बोर्ड के निर्देशानुसार कॉलेजों में संशोधित पाठ्यक्रम पढ़ाया गया और छात्रों को निर्धारित पाठ्यक्रम की तैयारी कराई गई। हालांकि, कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केइए) द्वारा आयोजित केसीइटी में प्रश्न पत्र पुराने पैटर्न के आधार पर तैयार किया गया था। पीयू बोर्ड और केइए की लापरवाही के कारण छात्र समुदाय असमंजस में है। एआइडीएसओ कर्नाटक राज्य समिति इसकी कड़ी निंदा करती है।
अगर दोबारा परीक्षा आयोजित होती है तब परीक्षार्थियों के पास तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं है क्योंकि अगले दो सप्ताह में एनइइटी परीक्षा आयोजित होने वाली है। छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए, एआइडीएसओ का सुझाव है कि सीइटी रैंकिंग घोषित करते समय पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्नों को बाहर रखा जाए। इसके साथ ही, केइए और पीयू बोर्ड की विशिष्ट भूमिका पर राज्य सरकार द्वारा निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए और संकट के लिए जिम्मेदार लोगों को अनुकरणीय सजा दी जानी चाहिए। चुनाव को बहाना बना परीक्षार्थियों को राहत देने में देरी नहीं होनी चाहिए।