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लखनऊ में महिला शिक्षामित्रों ने कराया मुंडन, सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोप

समायोजन रद्द होने के बाद अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही महिला शिक्षामित्रों ने लखनऊ में अपने बाल मुंडवाकर विरोध प्रदर्शन किया।

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Kamal Singh Rajpoot

Jul 25, 2018

Shikha mitra

लखनऊ में महिला शिक्षामित्रों ने कराया मुंडन, सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोप

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को शिक्षामित्रों ने योगी सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। समायोजन रद्द होने के बाद अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही महिला शिक्षामित्रों ने लखनऊ में अपने बाल मुंडवाकर विरोध प्रदर्शन किया।

शिक्षामित्रों ने राज्य व केंद्र सरकार पर अपनी अनदेखी करने के आरोप लगाए। शिक्षामित्रों ने गोमती नगर के ईको गार्डन में प्रदर्शन किया। इस दौरान महिला शिक्षामित्रों ने भी सिर मुंडवाया। शिक्षामित्र पिछले 38 दिनों से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में प्रदेश भर से हजारों की संख्या में शिक्षामित्र शामिल हुए। बाल मुंडवाने के पहले प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों ने अब तक जान गंवाने वाले अपने साथियों की आत्मा की शांति के लिए हवन कर उन्हें श्रद्घांजलि दी। उन्होंने मृतकों के परिवारीजनों के लिए आर्थिक सहायता की भी मांग की।

गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया था जिसके बाद से ही शिक्षामित्र आंदोलन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि शिक्षामित्रों को पैराटीचर बनाया जाए और जो शिक्षामित्र टीईटी उत्तीर्ण हैं उन्हें बिना परीक्षा दिए ही नियुक्ति दी जाए। हालांकि, सरकार से शिक्षामित्रों की कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। सरकार द्वारा दिए जा रहे मासिक वेतन को लेकर भी शिक्षामित्र खुश नहीं हैं।

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद संशोधन विधेयक 2017 को हुआ पास, इन छात्रों को होगा लाभ

बीएड, डीएड, एमएड धारकों के लिए खुशखबरी है। जी हां राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) संशोधन विधेयक 2017 को लोकसभा की ओर से मंजूरी मिल गई है। आपको बता दें इस विधेयक के लागू होने से बीएड, डीएड, एमएड और कई अन्य पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर चुके उन विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा, जिनके संस्थान के पाठ्यक्रमों को एनसीटीई से मान्यता प्राप्त नहीं थी।

इस संशोधन विधेयक में ऐसे 20 केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है, जिनके शिक्षण पाठ्यक्रम मान्यता प्राप्त नहीं थे। संशोधन विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इसके लागू होने से बड़ी तादाद में विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।