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Medical Course: राज्य सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पहली बार एनआरआइ कोटा लागू कर बड़ी कमाई का रास्ता निकाल लिया है। आर्थिक आधार पर आरक्षण की व्यवस्था के तहत सीटों का संतुलन बनाए रखने के बाद केन्द्र सरकार ने कई सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाई थीं। वहीं अब प्रदेश में पहली बार पुराने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में NRI कोटे की शुरूआत कर दी गई है। हालांकि इस साल कोटा, उदयपुर और अजमेर सहित नए कॉलेज बाड़मेर में भी यह कोटा शुरू किया गया है।
सरकार के आदेशों के बाद माना जा रहा है कि अगले सत्रों से अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी यह कोटा लागू हो जाएगा। सरकार को एनआरआइ कोटे की हर सीट पर शुल्क के तौर पर एक लाख पांच हजार अमरीकी डॉलर मिलेंगे। नए कॉलेजों में कुल 45 NRI सीटों की बढ़ोतरी की है। इनसे अब करीब 33 करोड़ रूपए अतिरिक्त मिलेंगे। प्रदेश में अब NRI कोटे की कुल सीटें 212 हो गई हैं, जिनसे सरकार को करीब 155 करोड़ रुपए शुल्क के तौर पर मिलेंगे। गौरतलब है कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण के बाद प्रदेश में 450 सीटें एमबीबीएस की एस सत्र में बढ़ने जा रही हैं।
आइएमए कार्यकारी सदस्य अलवर के डॉ. राजशेखर यादव तथा डॉ. अनिल गहलोत ने कहा कि इस कोटे की बजाय सीटों को यथावत रखा जाता तो प्रदेश के हर वर्ग के हजारों अभ्यर्थी भी पात्र होते।
हर साल बढ़ेगा 5 प्रतिशत शुल्क
राज्य मंत्रिमंडल के लिए एक निर्णय के अनुसार सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 2014-15 के बाद बढ़ाई जाने वाली 15 प्रतिशत एनआरआइ सीटों पर प्रति सीट एक लाख 5 हजार यूएस डॉलर लिए जाएंगे। उक्त शुल्क में 5 प्रतिशत वार्षिक बढ़ोतरी की अनुमति भी मंत्रिमंडल ने दी है।
इसलिए उठ रहा है सवाल
माना जा रहा है कि इन सीटों पर एनआरआइ की पात्रता दिखाने वाले चंद अभ्यर्थियों को ही पात्रता दिखाने का मौका मिलेगा, जिसमें न्यूनतम अंक वाले अभ्यर्थी भी शामिल होंगे। जबकि ये सामान्य सीटों के रूप में रहती तो उच्च स्कोर वाले हजारों अभ्यर्थी शामिल हो सकते थे। प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में इस समय 2600 सीटें हैं।
Published on:
30 Jun 2019 05:41 pm
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