
चेन्नई . नीट के विरोध में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाली तमिलनाडु की दलित लड़की अनीता की खुदकुशी के बाद नीट के खिलाफ विरोध तेज हो गया है। छात्रों ने मेडिकल कॉलेज में नीट से एडमिशन बंद कराने की मांग को लेकर चेन्नई में उग्र प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में छात्र समूह में एकत्र हुए हैं और प्रदर्शन करते हुए नीट वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं। अनीता ने नीट की वजह से मेडिकल कॉलेज में प्रवेश न मिल पाने के चलते शुकवार को खुदकुशी कर ली थी।
सड़कों पर उतरे छात्र
अनीता के मौत के विरोध में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के मेंबर्स ने चेन्नई की सड़कों पर प्रदर्शन किया। छात्र सड़क पर लेटकर प्रदर्शन करते दिखाई दिए। अन्य संगठन तमिलर कात्ची ने अनीता को श्रद्धांजलि देने के नीट खत्म किए जाने की मांग की। अनीता के पिता ने बताया कि उसने बड़ी परेशानियां उठाकर पढ़ाई की थी। वह नीट को लेकर काफी परेशान थी। उसने क्या गलत किया था? उसकी मौत का जिम्मेदार कौन है।
दिहाड़ी मजदूर की बेटी अनीता
मेडिकल प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा नीट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दलील देने वाली दलित छात्रा अनीता ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली। 17 वर्षीया छात्रा तमिलनाडु के अरियलूर जिले की रहने वाली थी। दिहाड़ी मजदूर की बेटी अनीता को 12वीं में 98 फीसदी अंक मिले थे लेकिन उसे मेडिकल सीट नहीं मिल पाई। नीट में उसे 700 में 86 अंक मिले थे। उसके एक रिश्तेदार ने कहा, अगर राज्य सरकार के नियमों से प्रवेश होता तो अनीता को सीट मिल जाती। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा नीट अनिवार्य करने से उसका सपना पूरा नहीं हुआ।
इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश मिला था
फिलहाल उसे इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश मिला था। तमिलनाडु ने इस साल राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) से बाहर रहने की अधिसूचना जारी की थी। वहीं, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में इसका विरोध किया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में छह परीक्षार्थियों ने याचिका दायर की थी। परीक्षार्थियों ने कोर्ट से राज्य सरकार को यह निर्देश देने की अपील की थी कि नीट की राज्य मेरिट के आधार पर काउंसलिंग शुरू की जाए। 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिकाएं खारिज करते हुए राज्य सरकार को काउंसलिंग शुरू करने और चार सितंबर तक प्रक्रिया पूरी करने को कहा था।
Published on:
02 Sept 2017 02:13 pm
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