
Supreme Court On NEET UG: सुप्रीम कोर्ट में नीट यूजी विवाद को लेकर 40 याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ (Chief Justice D. Y Chandrachud), न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की पीठ नीट से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई कर रही है। किसी भी वक्त नीट यूजी परीक्षा को लेकर फैसला आ सकता है। बता दें, सीनियर एडवोकेट नरेंद्र हुड्डा के साथ संजय हेगड़े, मैथ्यूज नेदुम्परा याचिकाकताओं की ओर से, जबकि सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता NTA और केंद्र की ओर से पक्ष रख रहे हैं।
पिछली सुनवाई यानी कि 18 जुलाई को कोर्ट (Supreme Court) ने एनटीए को आदेश दिया था कि सिटी वाइज और केंद्र वाइज नीट यूजी का परिणाम शनिवार 12 बजे तक ऑनलाइन जारी किया जाए। कोर्ट ने कहा था कि छात्रों का नाम नहीं आउट किया जाए। कथित पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिया था।
हेगड़े ने कहा कि पेपर लीक (NEET UG Paper Leak) को लेकर कई हॉट स्पॉट पाए गए हैं, जिसका एनटीए को जवाब देना चाहिए। यह एक संगठित गिरोह का काम है। क्या हम कह सकते हैं सभी को ऐसे अंक मिले हैं, जिसके वे हकदार थे। एक प्रतियोगी परीक्षा में 61 टॉपर्स निकलने पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
CJI ने कहा 61 में से 44 ऐसे हैं जिन्हें ग्रेस मार्क्स मिले हैं। इसके जवाब में सीनियर एडवोकेट ने कहा कि एक ही सवाल के दो विकल्प हैं। इसका अर्थ है कि 44 छात्रों को 179 सवाल सही करने के लिए अंक मिले हैं। इस हिसाब से 44 का आंकड़ा भी ज्यादा है। वकील ने आगे कहा कि यदि सिलेबस आसान होता है तो सभी अच्छा स्कोर कर लेते। 650 से ऊपर स्कोर करने वाले कैंडिडेट्स 50 हजार से ज्यादा हैं। ये एक रेड फ्लैग है।
हेगड़े ने कहा कि CBI जांच सिर्फ पटना तक सीमित नहीं है बल्कि कई राज्यों को कवर कर रही है। जांचकर्ता इस नतीजे पर पहुंचें हैं कि लीक स्थानीय स्तर पर हुए हैं। नीट को योग्यता के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप नीट के लिए योग्य हैं तो आप सिर्फ सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए योग्य नहीं हैं। कई विदेशी देश भी नीट के स्कोर को स्वीकार करते हैं। ऐसे में तो 164 कट-ऑफ, जो करीब 13 लाख है, क्या उन सभी को निष्पक्ष मानक के साथ आंका गया है?
सीनियर एडवोकेट हेगड़े ने कहा कि बेशक हजारीबाग से लीक हुआ है और इसे पटना में पकड़ा गया है। हमें नहीं पता कि यह सब कहां से लीक हुआ। वकील ने जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि लीक वाले संदेश करीब 100 लोगों तक पहुंचे हैं। हालांकि, हमें इसकी सीमा के बारे में नहीं पता। लीक 5 मई की सुबह नहीं हुई है, ये संभवत: 4 मई या उससे पहले की बात है।
CJI ने कहा कई पेशेवर परीक्षाओं में छात्र खुद केंद्र चुनते हैं। ऐसी धारणा है कि उन केंद्रों में अंकन कम होता है। यह पूरी परीक्षा रद्द करने का आधार नहीं हो सकता। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें परीक्षा दोबारा करने के लिए कुछ ठोस दिखाएं। वहीं लंच आवर के बाद फिर से सुनवाई शुरू होगी।
Updated on:
22 Jul 2024 04:45 pm
Published on:
22 Jul 2024 03:28 pm
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