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भारतीय स्टूडेंट्स को ब्रिटेन में पढ़ाई के बाद 2 साल तक मिलेगा वर्क वीजा

ब्रिटेन में जाकर पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। ब्रिटेन सरकार ने बुधवार को अपने देश में विदेशी छात्रों के लिए पढ़ाई के बाद वर्क वीजा दो साल तक बढ़ाने की योजना को फिर से शुरू करने की घोषणा की। अब प्रतिभाशाली छात्रों के लिए पढ़ाई करने के बाद ब्रिटेन में बेहतरीन अवसरों का पाने का अधिक मौका मिलेगा।  

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UK Visa

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ब्रिटेन में जाकर पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। ब्रिटेन सरकार ने बुधवार को अपने देश में विदेशी छात्रों के लिए पढ़ाई के बाद वर्क वीजा दो साल तक बढ़ाने की योजना को फिर से शुरू करने की घोषणा की। अब प्रतिभाशाली छात्रों के लिए पढ़ाई करने के बाद ब्रिटेन में बेहतरीन अवसरों का पाने का अधिक मौका मिलेगा। ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में स्नातक के लिए यह 2020-21 में लॉन्च होगा। दो साल के अध्ययन के बाद का कार्य वीजा तत्कालीन गृह सचिव थेरेसा मे ने 2012 में रद्द कर दिया था। इस कार्यक्रम के दोबारा शुरू होने से ब्रिटेन जाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में काफी वृद्धि होने की उम्मीद है।

यह नई ग्रेजुएट स्कीम सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए होगी, जिसमें भारत के छात्र भी शामिल हैं। यह उनके लिए लागू होगा, जिन्होंने एक छात्र के रूप में ब्रिटेन में अधिकृत संस्थान से स्नातक स्तर या उससे ऊपर की पढ़ाई किसी भी विषय में सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। यह वीजा पात्र छात्रों को अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद दो साल तक किसी भी क्षेत्र में अपनी पसंद का काम करने की अनुमति देगा। गृह सचिव प्रीति पटेल ने एक बयान में कहा, नए ग्रेजुएट रूट का मतलब प्रतिभाशाली अंतर्राष्ट्रीय छात्रों से होगा। चाहे वे विज्ञान के छात्र हों या गणित, प्रौद्योगिकी अथवा इंजीनियरिंग के छात्र हों। ऐसे छात्र ब्रिटेन में अध्ययन करने के बाद मूल्यवान कार्य अनुभव हासिल कर कामयाबी पा सकते हैं।

इसके अलावा भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त डॉमिनिक अक्विथ ने कहा, भारतीय छात्रों के लिए यह शानदार खबर है, जो अब अपनी डिग्री पूरी करने के बाद अधिक समय ब्रिटेन में बिता पाएंगे। इससे उन्हें पढ़ाई के बाद आगे के कौशल और अनुभव प्राप्त हो सकेंगे। ब्रिटेन में अध्ययन के लिए जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या जून 2019 में समाप्त होने वाले वर्ष में लगभग 22 हजार तक पहुंच गई। इसमें पिछले वर्ष की तुलना में 42 फीसदी की वृद्धि हुई है। जबकि तीन साल पहले की तुलना में यह बढ़ोतरी 100 फीसदी से भी अधिक है। इस फैसले के बाद से अब इनकी संख्या में और भी अधिक वृद्धि की संभावना है।