पिछले साल आईआईटी भिलाई को 81 रैंक मिला था, वहीं इस बार 8 पायदान ऊपर चढ़ गया है। लगातार रिसर्च, आधुनिक परिसर और विद्यार्थियों को मिलने वाली सुविधाओं जैसे कई सारे बिंदुओं को आधार मानते हुए रैंकिंग में बढ़त मिली है। इस रैंकिंग में आईआईटी भिलाई ने 48.80 का स्कोर हासिल किया है।
इसलिए जरूरी एनआईआरएफ
एनआईआरएफ रैंकिंग का मकसद उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है, ताकि छात्रों को बेहतर संस्थान चुनने में मदद मिल सके। इस रैंकिंग के जरिए सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों की पहचान होती है, वहीं शिक्षण संस्थानों को खुद की कमियों को दूर करते हुए उसमें सुधार करने का मौका दिया जाता है।
71वें स्थान पर एनआईटी रायपुर
एनआईआरएफ जैसी प्रमुख रैंकिंग में आईआईटी भिलाई और एनआईटी रायपुर के अलावा कोई भी संस्थान शामिल नहीं तक नहीं हो पाया है। प्रदेश का सबसे पुराना पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से लेकर बिलासपुर का गुरु घासीदास विश्वविद्यालय तक रैंकिंग के हकदार नहीं बने। इसी तरह से इंजीनियरिंग कॉलेजों का सबसे प्रमुख केंद्र कहे जाने वाले भिलाई के किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज ने भी इसमें सहभागिता नहीं दी। दरअसल, बीते कुछ वर्षों में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एनआईआरएफ के लिए क्राएटेरिया पूरी तरह बदल दिया है। इसमें मांगी जाने वाली जानकारी विभिन्न बिंदुओं में होती है, जिसे सिर्फ संस्थान दे सकता है, जहां वह मौजूद होती है। इस वजह से बहुत से कॉलेजों ने अब एनआईआरएफ रैंकिंग से तौबा कर ली है।
पूर्व की तुलना में इस बार की एनआईआरएफ रैंकिंग में हमने बेहतर प्रदर्शन किया है। डायरेक्टर राजीव प्रकाश ने कहा कि आईआईटी भिलाई अभी नया संस्थान है, बावजूद इसके लिए हमने यह रैंकिंग हासिल की है। आने वाले कुछ वर्षों में संस्थान बुलंदियों को छुएगा, जिससे एक दिन हम भी टॉप रैंकिंग के हकदार बनेंगे।