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Rahul Bhatia Education: कितने पढ़े-लिखे हैं इंडिगो के मालिक राहुल भाटिया? जिनके पास 68,000 करोड़ की है संपत्ति

Rahul Bhatia Education Qualification: टीचर बनने का सपना और इंजीनियरिंग की डिग्री... जानिए कितने पढ़े-लिखे हैं इंडिगो के मालिक राहुल भाटिया।

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भारत

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Rahul Yadav

Dec 09, 2025

Rahul Bhatia Education Qualification

Rahul Bhatia Education Qualification (Image: Gemini)

Rahul Bhatia Education Qualification: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) इन दिनों लगातार सुर्खियों में है। सैकड़ों उड़ानें रद्द होने और यात्रियों की परेशानियों के चलते अभी भी कंपनी चर्चा का विषय बनी हुई है। इस उथल-पुथल के बीच, लोगों की दिलचस्पी कंपनी के मालिक राहुल भाटिया में भी बढ़ गई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 68,000 करोड़ रुपये का यह विशाल साम्राज्य संभालने वाले राहुल भाटिया की पढ़ाई-लिखाई क्या है? आपको जानकर हैरानी होगी कि राहुल भाटिया असली सपना बिजनेसमैन बनना नहीं, बल्कि एक स्कूल टीचर बनना था। चलिए इस आर्टिकल में इनके एजुकेशन बैकग्राउंड के बारे में जानते हैं और यह भी जानेंगे कि स्कूल टीचर बनने का सपना देख रहे राहुल भाटिया कैसे आज 68,000 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं।

कनाडा की टॉप यूनिवर्सिटी से की है इंजीनियरिंग

राहुल भाटिया की कहानी एक ठेठ भारतीय छात्र जैसी नहीं है जो डॉक्टर या इंजीनियर बनकर सिर्फ नौकरी करना चाहता हो। उनका बैकग्राउंड काफी मजबूत रहा है। दिल्ली में अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद, राहुल उच्च शिक्षा के लिए विदेश चले गए थे। उन्होंने कनाडा की मशहूर यूनिवर्सिटी ऑफ वॉटरलू (University of Waterloo) से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है।

पढ़ाई में वे शुरू से ही काफी होशियार थे। इंजीनियरिंग की डिग्री हाथ में आते ही उन्होंने किसी छोटी-मोटी जगह नहीं, बल्कि दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी IBM में काम करना शुरू किया। वहां उन्होंने एक पेशेवर के तौर पर करीब दो साल बिताए। उस समय उनका पूरा फोकस तकनीक और एकेडमिक्स पर था।

बिजनेस नहीं, बच्चों को पढ़ाना था सपना

अक्सर हम देखते हैं कि बड़े बिजनेसमैन बचपन से ही मुनाफा कमाने की बातें करते हैं, लेकिन राहुल भाटिया अलग थे। कई मौकों पर यह बात सामने आई है कि राहुल को कॉरपोरेट दुनिया की भागदौड़ पसंद नहीं थी। उनका मन था कि वे टीचिंग लाइन में जाएं और स्कूल में बच्चों को पढ़ाएं। उन्हें लगता था कि शिक्षा के जरिए समाज में बदलाव लाया जा सकता है।

टीचिंग के अलावा, उनका एक और तकनीकी सपना था। वे भारत लौटकर एक डिजिटल टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने काफी तैयारी भी की थी, लेकिन सरकारी नीतियों के पेंच में वो प्रोजेक्ट फंस गया और कभी शुरू नहीं हो पाया।

किस्मत और पिता की बीमारी ने बदल दिया रास्ता

कहते हैं न, आदमी सोचता कुछ है और होता कुछ है। राहुल भाटिया के साथ भी यही हुआ। उनके पिता कपिल भाटिया की तबीयत खराब रहने लगी थी। उस समय परिवार को राहुल की सख्त जरूरत थी। ऐसे में, एक आज्ञाकारी बेटे की तरह राहुल ने अपनी टीचिंग और इंजीनियरिंग की दुनिया को किनारे रखा और 1988 में पिता का बिजनेस संभाल लिया।

शुरुआत में उनका मन इस काम में नहीं लगता था क्योंकि यह उनकी पसंद का क्षेत्र नहीं था। लेकिन यहीं पर उनकी इंजीनियरिंग वाली पढ़ाई काम आई। उन्होंने समस्याओं को भावुक होकर नहीं, बल्कि मैथ्स के सवाल की तरह सुलझाना शुरू किया।

जब दो पढ़े-लिखे दोस्त मिले, तो रचा इतिहास

राहुल भाटिया की सफलता में उनकी शिक्षा और संगति का बड़ा हाथ है। जब उन्होंने एयरलाइन शुरू करने की सोची, तो उन्होंने अपने दोस्त राकेश गंगवाल को साथ लिया। राकेश की पढ़ाई भी कम नहीं थी, वे IIT कानपुर से इंजीनियर थे और अमेरिका के व्हार्टन स्कूल से मैनेजमेंट कर चुके थे।

राहुल और राकेश की जोड़ी ने मिलकर एविएशन इंडस्ट्री को डिकोड किया। उन्होंने अपनी पढ़ाई का इस्तेमाल करके यह समझा कि कैसे कम खर्च में ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को सुरक्षित मंजिल तक पहुंचाया जा सकता है। Forbes के मुताबिक, इंडिगो के मालिक राहुल भाटिया की कुल संपत्ति करीब 68,350 करोड़ रुपये है।