
Railway Driver Kaise Bante Hain: रेलवे में काम करना हर युवा का सपना होता है। समय-समय पर RRB की ओर से विभिन्न पदों पर भर्ती निकाली जाती है। रेलवे का ड्राइवर हो या टेक्निशियन सभी का काम मुश्किल होता है। बात करें रेलगाड़ी चालक (Railway Driver) की तो उनका काम काफी कठिन होता है। रेलवे के ड्राइवर के ऊपर एक बड़ी जिम्मेदारी होती है। उन्हें सही स्पीड को ध्यान में रखते हुए गाड़ी को चलाना होता है।
लोको पायलट का काम जितना मुश्किल लगता है, उतना ही कठिन होता है इस जॉब के लिए सेलेक्शन प्रोसेस। अब चूंकि लोको पायलट पर इतनी बड़ी जिम्मेदारी होती है तो उनका चयन काफी जांच परख कर किया जाता है। कई राउंड और फेज के बाद एक सही उम्मीदवार को चुना जाता है।
लोको पायलट बनने के लिए कम से कम 10वीं की परीक्षा पास करना जरूरी है। इसके साथ गणित और विज्ञान विषय की अच्छी समझ होनी चाहिए। इस पद पर अप्लाई करने के लिए कैंडिडेट्स का 18 से 30 के बीच का होना जरूरी है। हालांकि, उम्र संबंधित पात्रता में आरक्षित वर्ग के कैंडिडेट्स के लिए छूट दी जाती है। इस संबंध में सटीक जानकारी के लिए आधिकारिक वेबसाइट का रुख करें।
शैक्षणिक योग्यता के साथ ही कैंडिटेट्स का शारीरिक मानदंड पूरा करना भी जरूरी है। कैंडिडेट्स का फिट होना जरूरी है। साथ ही उनकी दृष्टि और सुनने की क्षमता सही होनी चाहिए।
रेलवे में ड्राइवर (Railway Driver) बनने के लिए कई चरण की परीक्षा पास करनी होती है। सबसे पहले लिखित परीक्षा देनी होती है। इसके बाद मेडिकल टेस्ट का चरण आता है और सबसे अंत में डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन।
रेलवे की परीक्षा (Railway Exams) पास करने के तुरंत बाद ही किसी कैंडिडेट को रेलगाड़ी चलाने का मौका नहीं मिलता बल्कि उन्हें टफ ट्रेनिंग से गुजरना होता है। रेलवे का ड्राइवर बनने के लिए तीन फेज की ट्रेनिंग होती है, पहला बेसिक, दूसरा प्रैक्टिकल और तीसरा सिम्युलेटर ट्रेनिंग।
रेलवे का ड्राइवर बनने के लिए जो बेसिक ट्रेनिंग होती है, उसमें रेलगाड़ी की तकनीकी जानकारी, संचालन, रेल नियमों, इंजन और यातायात नियमों के बारे में पढ़ाया जाता है।
प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्रशिक्षण का दूसरा चरण होता है। इस ट्रेनिंग में लोको पायलट व को-पायलट और इंस्ट्रक्टर की मौजूदगी में उम्मीदवार को ट्रेन चलाने के बारे में बताया जाता है। इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर के बारे में भी जानकारी दी जाती है।
रेलगाड़ी चलाने की ट्रेनिंग देने के साथ ड्राइवर को सिम्युलेटर प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसमें वास्तविक जीवन में आने वाली परेशानियों और चुनौतियां से रूबरू कराते हुए उन्हें पहले से ही तैयार किया जाता है।
Updated on:
26 Nov 2024 05:21 pm
Published on:
26 Nov 2024 04:47 pm
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