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एससी, एसटी, ओबीसी छात्रों को हॉस्टल में मिलेगी भोजन पर सब्सिडी

केंद्र सरकार देशभर में छात्रावासों में रहने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को भोजन पर सब्सिडी देने की व्यवस्था अगले दो महीने के भीतर लागू कर देगी।

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Jameel Ahmed Khan

May 31, 2018

Ram Vilas Paswan

Ram Vilas Paswan

केंद्र सरकार देशभर में छात्रावासों में रहने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को भोजन पर सब्सिडी देने की व्यवस्था अगले दो महीने के भीतर लागू कर देगी। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं जन वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने गुरवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (एससी,एसटी और ओबीसी) के छात्रों को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय के ओबीसी वर्ग के छात्र भी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में रहने वाले एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के प्रत्येक छात्र को 15 किलोग्राम गेंहू और चावल केंद्र सरकार सब्सिडी के साथ उपलब्ध कराएगी।

जिन छात्रावासों में दो तिहाई छात्र इन वर्गों से संबंधित होंगे वहां सभी छात्रों को सब्सिडी पर भोजन उपलब्ध होगा। यह योजना नारी निकेतन, भिक्षुक गृह जैसी जन कल्याणकारी संस्थाओं में रहने वाले व्यक्तियों पर भी लागू होगी। इन संस्थानों को बीपीएल दरों पर अनाज दिया जाएगा। पासवान छात्रावासों तथा कल्याणकारी संस्थाओं में रहने वाले व्यक्तियों को पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराने के मुद्दे पर सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के खाद्य सचिवों की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवादददाताओं से बातचीत कर रहे थे।

पासवान ने कहा कि छात्रावासों और अन्य संस्थानों में वितरण होने वाले गेंहू और चावल का अनुपात उस क्षेत्र विशेष में लोगों की भोजन की आदतों पर निर्भर करेगा। एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी ओर से पूरी तैयारी कर ली है। राज्य सरकार एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के छात्रों की सूची उपलब्ध कराकर सब्सिडी पर अनाज ले सकती है। उन्होंने बैठक का ब्योरा देते हुए कहा कि इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के सचिव शामिल हुए। सभी ने केंद्र सरकार की इस योजना का स्वागत किया है। कुछ राज्यों ने अपनी ओर भी इसमें योगदान करने की बात कहीं है। कुछ राज्य मुफ्त में छात्रों को भोजन देने के लिए तैयार है जबकि कुछ ने अपनी ओर से छात्रों को मामूली शुल्क भोजन देने का सुझाव दिया।


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