
multitasking
वर्तमान में ज्यादातर लोग मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हुए मल्टीटास्किंग करते हैं। हम टीवी देखते हुए, काम करते हुए या खाना खाते समय गेम्स खेलते हैं, ईमेल्स करते हैं, सोशल मीडिया चेक करते हैं। कई बार तो हम किसी व्यक्ति से बात करते हुए भी फोन पर लगे रहते हैं। हमें लगता है कि हम बिना परेशानी के एक साथ कई काम पूरे कर सकते हैं। लेकिन असलियत यह है कि मल्टीटास्किंग बहुत नुकसानदायक है। कई नए शोध साबित करते हैं कि मल्टीटास्किंग से खतरे बढ़ रहे हैं।
दिमाग को नुकसान
हाल ही में हुए एक अध्ययन से साबित हुआ है कि जो लोग अच्छे मीडिया मल्टीटास्कर होते हैं, उनके दिमाग का ग्रे मैटर कम हो जाता है। इससे मोटिवेशन और इमोशन पर नियंत्रण से संबंधित क्षेत्रों में कमी देखी गई।
मेमोरी की समस्या
वर्ष 2016 में हुए अध्ययन से पता लगा है कि क्रोनिक मीडिया मल्टीटास्कर में मेमोरी की कमी देखी गई। सूचना को स्टोर करने की क्षमता में कमी और लॉन्ग टर्म मेमोरी की क्षमता में स्पष्ट रूप से कमी देखी गई।
टूटते रिश्ते
शोधकर्ता इसे टेक्नोफेरेंस कहते हैं। जब आप फोन पर लगे रहते हैं और अन्य किसी में उलझे रहते हैं तो इससे रिश्तों से संबंधित समस्याएं पैदा हो सकती हैं। मल्टीटास्किंग से रिश्तों में पैदा होने वाली संतुष्टि का भाव कम हो जाता है।
शारीरिक खतरे
शोधकर्ताओं ने न्यूयॉर्क सिटी के कार से टक्कर खाने वाले 1400 पैदल चलने वालों की सूचनाओं को इकट्ठा किया और पाया कि इनमें से 20 फीसदी युवाओं का टक्कर के दौरान मोबाइल फोन से ध्यान भटक गया था, जबकि 10 फीसदी व्यस्कों के साथ ऐसा हुआ।
ज्यादा व्यवधान
शोधकर्ता अध्ययन से इस नतीजे पर पहुंचे कि जो लोग सप्ताह के सातों दिन घर पर मल्टीटास्किंग करते हैं, उनके व्यवहार में ज्यादा व्यवधान पाया जाता है। वे इतने ज्यादा व्यवधानों पर प्रतिक्रिया देते हैं कि वे जरूरी और गैरजरूरी कामों में अंतर करना भूल जाते हैं।
तनाव बढ़ता है
कॉलेज स्टूडेंट्स पर हुए एक शोध से पता लगता है कि कम्प्यूटर पर काम के दौरान स्टूडेंट्स ने जितनी ज्यादा मल्टीटास्किंग की, उन्हें उतना ही ज्यादा तनाव हुआ। सूचनाओं का ढेर लगने से उन पर प्रतिक्रिया देने से तनाव बढऩे लगता है। इसका अर्थ है कि लगातार मल्टीटास्किंग से लगातार तनाव बढ़ता है।
हड्डियों को नुकसान
बुजुर्गों पर हुए एक अध्ययन से पता लगा है कि जब आप एक बार में एक से ज्यादा काम करते हैं तो आपकी हड्डियों को नुकसान पहुंच सकता है। मल्टीटास्किंग के ज्यादातर मामलों में आपको चोट तक पहुंच सकती है और हड़बड़ाकर गिर भी सकते हैं। एक बार में एक काम पर ही फोकस करना चाहिए।
आपके ग्रेड्स को नुकसान
क्लासरूम में मल्टीटास्किंग के एक अध्ययन से पता लगा है कि लेक्चर के दौरान कम्प्यूटर पर जिन छात्रों ने मल्टीटास्किंग की, उन्हें एग्जाम में कम अंक मिले। वहीं लेक्चर के दौरान टीचर की बात पर गौर करने वाले स्टूडेंट्स को ज्यादा अंक मिले। लेक्चर पर फोकस करने से दिमाग विषय को समझ पाता है।
ज्यादा सामाजिक बेचैनी
शोधकर्ताओं ने मल्टीटास्किंग, मीडिया के इस्तेमाल और इमोशनल हेल्थ के लिंक का परीक्षण किया। हालांकि मीडिया के इस्तेमाल और नकारात्मक परिणामों के बीच में संबंध नहीं पाया गया, पर टीम ने पाया कि जितने ज्यादा प्रतिभागियों ने मल्टीटास्किंग की, उतने ही सामाजिक बेचैनी के लक्षण देखे गए।
Published on:
21 Jul 2018 12:53 pm
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