छात्रों को कहना है कि देरी के कारण उनके करियर की संभावनाएं खतरे में पड़ गई हैं। वे नौकरी के लिए आवेदन करने से भी हिचकिचा रहे हैं क्योंकि भर्तीकर्ता उनके पहले तीन सेमेस्टर के अंकपत्र मांगते हैं। एक छात्र ने कहा कि परीक्षा विभाग से कई बार पूछताछ करने के बावजूद उन्हें कोई जवाब नहीं मिला है।नाम न बताने की शर्त पर एक अंतिम सेमेस्टर के छात्र ने कहा, एक साल से ज्यादा हो गया है और हमें अभी भी अपने नतीजे नहीं मिले हैं। यह देरी हमारी भविष्य की योजनाओं और करियर के अवसरों को प्रभावित कर रही है। अनिश्चितता हमें बहुत तनाव दे रही है और छात्रों को इस तरह से लटकाए रखना अनुचित है।
एक अन्य छात्र ने कहा, मैंने सरकारी भर्ती परीक्षा दी और सहायक प्रोफेसर की नौकरी हासिल की। लेकिन, प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण नौकरी का अवसर खो दिया।उपस्थिति की गलत प्रविष्टि देने के कारण समस्या
बीयू के कुलसचिव श्रीनिवास सी. ने बताया कि उपस्थिति संबंधी समस्याओं के कारण केवल 30 छात्रों को दूसरे सेमेस्टर के परिणाम नहीं मिले हैं। कॉलेज कर्मचारियों द्वारा गलती से उपस्थिति की गलत प्रविष्टि देने के कारण समस्या पैदा हुई है। इस वजह से, कुछ छात्र 75 फीसदी उपस्थिति की आवश्यकता को पूरा नहीं कर पाए। मामले की जांच जारी है। कर्मचारी कुल उपस्थिति को फिर से अपलोड करेंगे। जितनी जल्दी हो सके परिणाम घोषित किए जाएंगे।तीसरे सेमेस्टर के परिणामों की बात करें तो यह प्रक्रियाधीन है।