
किसी चीज के लिए यदि आप शिद्दत से मेहनत करते हैं, तो वो जरूर मिलती है। परीक्षा में मजबूती के साथ खुद का बेस्ट देना ही असली जीत होती है। यह कहना है यूपीएससी में 21वीं रैंक हासिल करने वाले जगतपुरा इंदिरा गांधी नगर जयपुर निवासी पुरुराज सिंह सोलंकी का।
पुरूराज ने बताया कि यूपीएससी में पहले प्रयास के दौरान सिर्फ प्रीलियम्स एग्जाम क्लियर कर पाया था, मुख्य परीक्षा के लिए शॉर्ट नोट्स तैयार करने में काफी समय लग गया था। इस बार पुरानी गलतियों को सुधार कर सफलता हासिल की है। कोविड का पीक चल रहा था तो ऑनलाइन मोड पर कोचिंग के साथ 2021 में यूपीएससी जर्नी शुरू की। इस बार रैक की उम्मीद नहीं थी, लेकिन विश्वास था कि चयन हो जाएगा। पुरूराज विद्याश्रम स्कूल के छात्र रहे है।
उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर सिर्फ उन वेबसाइट, टेलीग्राम या वाट्सऐप ग्रुप का उपयोग करता था, जिससे परीक्षा की तैयारी में मदद मिलने की संभावना होती थी। टेस्ट में कम नंबर आने पर या एंजायटी होने पर माता-पिता और छोटे भाई से बात कर खुद की परेशानियों को शेयर करता था। पुरुराज ने बताया कि उनके हिसाब से न्यूज पेपर बहुत जरूरी है, जिसकी अहमियत परीक्षा के अंत समय में पता लगती है। देर रात तक पढ़ाई करना मुझे पसंद है।
पुरुराज ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान इच्छा थी कि वे भी एआइ चैट बॉट का उपयोग करें, लेकिन उपयोग नहीं कर सके। अब बिल्कुल फ्री हूं, तो इनका उपयोग जरूर करूंगा। उन्होंने बताया कि एजुकेशन और हेल्थ सेक्टर में अभी भी कई कमियां है। वे चाहते हैं कि ये कमियां दूर हो यही उनकी प्राथमिकता है। पुरूराज ने सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया। पिता महेन्द्र सिंह सोलंकी विद्युत विभाग में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं व माता रीना शेखावत सरकारी स्कूल में अध्यापिका हैं।
रिद्धिमा जैनः अलवर की रिदिमा जैन ने प्रथम प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। उनके 123वीं रैंक आई।
माधव गुप्ताः झुंझुनूं निवासी गुप्ता को 132वीं रैंक हासिल हुई है। वह हर दिन आठ से दस घंटे नियमित पढाई करते थे।
सानिया सीरवी: पाली में अटबड़ा निवासी ने तीसरे प्रयास में कामयाबी हासिल की है। उनके 171वीं रैंक आई है।
दीपक मीना: गंगापुरसिटी निवासी दीपक मीना ने एसटी वर्ग में तीसरी रैंक (जनरल 283) हासिल कर नाम रोशन किया है।
कृपा ए. जैनः बालोतरा के मोकलसर मूल की हुब्बल्ली की बेटी जैन को 440वीं रैंक मिली है। कृपा ने बिना कोचिंग के तैयारी की।
निश्चल जैनः बांसवाड़ा के गढ़ी उपखंड के आंजना गांव निवासी निश्चल जैन 460वीं रैंक प्राप्त की।
दीपक चौधरी: दूदू के जेवलिया का बास गांव निवासी दीपक चौधरी ने 755 वीं रैंक प्राप्त कर गांव का नाम रोशन किया है।
प्रदीप कुमार चौधरी: झोटवाड़ा के बसेड़ी गांव के प्रदीप कुमार चौधरी ने 746वीं रैंक हासिल की है।
पवन कुमार सुथारः झालावाड़ के भवानीमंडी निवासी मजदूर बेटे सुथार ने 816वीं रैंक प्राप्त की।
Updated on:
17 Apr 2024 10:17 am
Published on:
17 Apr 2024 09:30 am
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