मीडिया रिपोर्ट्स और कई प्री-पोल सर्वे के अनुसार लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट इस बार वापिस सत्ता में लौट सकता है। वर्तमान मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी वापस सरकार बनाने की उम्मीद जता चुके हैं। हालांकि इस बार मतदाता के मन में क्या है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है, राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार यहां अंडरकरंट चल रहा है और उसी से चुनावों के नतीजों की दिशा तय होगी। कांग्रेसनीत यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट भी इस बार सरकार के खिलाफ मुद्दों को लेकर मुखर हो रहा है। हाई-प्रोफाइल गोल्ड स्मगलिंग केस और सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश को लेकर भी यूडीएफ सरकार पर हमलावर रुख अपना रहा है। वहीं दूसरी ओर पी. विजयन अपने मुख्यमंत्रित्व काल को ही अपना यूएसपी बता कर वोट मांग रहे हैं। इस वक्त केरल सरकार ने जनता के कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रखी हैं। उनका भी फायदा एलडीएफ को मिल सकता है।
तिरुवनंतपुरम जीतने वाली पार्टी ही केरल में सरकार बनाती है
पिनाराई विजयन ने कहा, पहले से ज्यादा सीटें जीत कर फिर से सरकार बनाएंगे
मध्य केरल में ईसाई मतदाता निर्णायक भूमिका में, लुभाने में जुटी सभी पार्टियां
जनाधार और वोट प्रतिशत बढ़ाने पर ध्यान दे रही है भाजपाइन दोनों पार्टियों के बीच मचे घमासान में भाजपा अपने वोट प्रतिशत तथा जनाधार को बढ़ाने में लगी हुई है। पिछले विधानसभा चुनावों में एक सीट जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी इस बार अधिकाधिक सीटों पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करवाना चाहती है। एक्सपर्ट्स की माने तो भाजपा यहां तीन से पांच सीटें जीतने की संभावना पर काम कर रही है।