UP Assembly Elections 2022 : आजादी के बाद से विकास के नाम पर सियासी दलों ने केवल बुंदेलखंड को छला है। यहां के लोगों को विकास के नाम पर केवल आश्वासन ही मिलते रहे हैं। बुंदेलखंड का क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इस क्षेत्र के ज्यादातर लोग अभी भी पेयजल, शिक्षा, सिंचाई के लिए पानी, भुखमरी, जैसी जरूरी सुविधाओं से जूझ रहे हैं।
लखनऊ. UP Assembly Elections 2022 : पूर्वांचल के बाद अब बुंदेलखंड क्षेत्र राजनीति का अखाड़ा बन गया है। इस क्षेत्र में मतदाताओं के बीच अपनी पैठ मजबूत करने के उद्देश्य से सियासी दलों का रुख अब बुंदेलखंड की ओर घूम गया है। बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी चित्रकूट में भगवान कामतानाथ की शरण में पहुंची। वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रमों के चलते महोबा और झांसी पहुंचे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी अपने मंत्रालय के कार्यक्रम राष्ट्र समर्पण पर्व मनाने के लिए झांसी में थे। जबकि समाजवादी पार्टी अभी भी पूर्वांचल में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए 17 नवंबर को गाजीपुर से आजमगढ़ तक विजय रथ यात्रा निकाल रही है।
विकास के नाम पर बुंदेलखंड को छला गया
आजादी के बाद से विकास के नाम पर सियासी दलों ने केवल बुंदेलखंड को छला है। यहां के लोगों को विकास के नाम पर केवल आश्वासन ही मिलते रहे हैं। बुंदेलखंड का क्षेत्र आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। इस क्षेत्र के ज्यादातर लोग अभी भी पेयजल, शिक्षा, सिंचाई के लिए पानी, भुखमरी, जैसी जरूरी सुविधाओं से जूझ रहे हैं। इसके अलावा बुंदेलखंड के पाठा समेत कई इलाकों में आज भी डकैतों की धमाचौकड़ी से लोगों में दहशत बनी हुई है। बुंदेलखंड में शिक्षा के नाम पर यदि झांसी को छोड़ दे तो यहां के कई इलाके शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़े हुए हैं। इसके अलावा फसलें खराब होने से अभी किसानों द्वारा आत्महत्या की घटनाएं सामने आती रहती है, जिसे सरकार मनाने को तैयारी नहीं होती।
चुनाव से पहले सियासी दलों को याद आता है बुंदेलखंड
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीति विशेषज्ञ रंजीव ने बताया कि चुनाव से पहले राजनीतिक दलों को बुंदेलखंड की याद आती है और इस क्षेत्र के विकास को लेकर कई घोषणाएं भी करते है। लेकिन चुनाव के बाद बुंदेलखंड के हाथ खाली रह जाते है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से यूपी में कई दलों ने शासन किया। लेकिन बुंदेलखंड विकास के नाम पर पिछड़ा ही रहा। उन्होंने बताया कि आज भी इस क्षेत्र के अधिकांश लोग पेयजल, भुखमरी जैसी कई समस्याओं से जूझ रहे हैं।
अर्जुन सहायक परियोजना से मिलेगा फायदा
रंजीव ने बताया कि हाल के ही कुछ सालों में बुंदेलखंड के लोगों में विकास की उम्मीद जागी है और पीएम मोदी 19 नवंबर को अर्जुन सहायक परियोजना का लोकार्पण करेंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना से पिछले कई सालों से पानी की समस्या से लड़ रहे यहां के लोगों को काफी राहत मिलेगी।
भाजपा और कांग्रेस ने किया बुंदेलखंड का रुख
यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी दलों का रुख फिर से बुंदेलखंड की ओर है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को चित्रकूट में शक्ति संवाद कार्यक्रम में शामिल होने के बाद भगवान कामतानथ के दर्शन-पूजन कर चुनावी अभियान का आगाज किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी महोबा पहुंचकर पीएम मोदी के कार्यक्रम से पहले हो रही तैयारियों का जायजा लिया। सीएम योगी ने अर्जुन सहायक परियोजना का भी निरीक्षण किया। 19 नवंबर को पीएम मोदी को इस परियोजना का लोकार्पण करना है। इसके बाद सीएम योगी ने झांसी पहुंचकर पीएम मोदी के कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को राष्ट्र समर्पण पर्व की झांसी से शुरूआत की। राष्ट्र समर्पण पर्व को केंद्र और यूपी सरकार 19 नवंबर तक मनाएगी। पीएम मोदी झांसी में इसी पर्व के तहत रक्षा के क्षेत्र से जुड़ी कई योजनाओं का शुभारंभ करेंगे।
सपा पूर्वांचल में लगी, बसपा में जारी है बैठकों का दौर
भाजपा और कांग्रेस जहां बुंदेलखंड की ओर रुख कर चुकी है, वहीं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव अभी भी अपना ध्यान पूर्वांचल केंद्रित किए हुए हैं। बुधवार को अखिलेश ने गाजीपुर से विजय यात्रा का शुभारंभ किया। सपा की यह विजय यात्रा आजमगढ़ तक जाएगी। जबकि बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती अभी संगठन की बैठकों पर ज्यादा ध्यान दे रही है। बसपा ने अभी तक रैलियों को लेकर कोई खास रुचि नहीं दिखाई है। माना जा रहा है कि मायावती विधानसभा के चुनाव की घोषणा के बाद ही यूपी फतह के लिए ठोस रणनीति के साथ चुनावी समर में उतरेंगी।