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पांच लाख मतदाताओं का डेटा में गलत एसआइआर, बहू का नाम ससुर से जोड़ा, 1.34 लाख वोटर की उम्र माता-पिता से 15 साल ही कम

एसआइआर में नहीं सुधर पा रहा है डेटा, क्योंकि इनका डेटा बीएलओ के पास भी नहीं, 100 फीसदी टारगेट के चलते भरी गलती जानकारी

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मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (एसआइआर) को 42 दिन पूरे हो गए हैं। बीएलओ ने एसआइआर का काम एक महीने के भीतर 100 फीसदी पूरा कर दिया, लेकिन सर्वे के दौरान ऐसी गलती कर दी है, जिससे जिले की छह विधानसभा में 5 लाख 33 मतदाताओं के डेटा में लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी (एरर) सामने आई है। बहू का नाम सास-ससुर से जोड़ दिया।

मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (एसआइआर) को 42 दिन पूरे हो गए हैं। बीएलओ ने एसआइआर का काम एक महीने के भीतर 100 फीसदी पूरा कर दिया, लेकिन सर्वे के दौरान ऐसी गलती कर दी है, जिससे जिले की छह विधानसभा में 5 लाख 33 मतदाताओं के डेटा में लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी (एरर) सामने आई है। बहू का नाम सास-ससुर से जोड़ दिया।

मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (एसआइआर) को 42 दिन पूरे हो गए हैं। बीएलओ ने एसआइआर का काम एक महीने के भीतर 100 फीसदी पूरा कर दिया, लेकिन सर्वे के दौरान ऐसी गलती कर दी है, जिससे जिले की छह विधानसभा में 5 लाख 33 मतदाताओं के डेटा में लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी (एरर) सामने आई है। बहू का नाम सास-ससुर से जोड़ दिया। 1 लाख 34 हजार वोटर ऐसे हैं, जिनकी उम्र व माता-पिता की उम्र में 15 साल का अंतर है। 52 हजार मतदाताओं के 6 से ज्यादा बच्चे हैं। इनके साथ गलत नाम जोड़ने की आशंका जताई जा रही है। इस गलती को सुधारने के लिए बीएलओ को फिर से बुलाया है। 18 दिसंबर तक एरर को सही करना है। वहीं दूसरी ओर 2 लाख 47 हजार मतदाताओं ऐसे हैं, जिनके नाम बिना नोटिस के ही कट जाएंगे।

जिले में 4 नवंबर को मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। गणना पत्रक वितरण कर उन्हें डिजिटल व एकत्रित करने का काम 4 दिसंबर तक करना था। आयोग ने स्पष्ट कर दिया था कि 4 दिसंबर काम खत्म करने की आखिरी तारीख है। रात में पोर्टल बंद हो जाएगा, लेकिन काम पूरा नहीं हो सका और 11 दिसंबर तक तारीख बढाई। फिर 18 दिसंबर की है। लॉजिकल गलतियों को देखा जाए तो बीएलओ से सुधर नहीं रही है। लॉजिकल गलतियों वाले मतदाताओं की संख्या 5 लाख 33 हैं। फिलहाल आयोग ने लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी वाले मतदाताओं के संबंध में नए दिशा निर्देश नहीं दिए हैं।

सर्वे में ऐसी लॉजिकल गलतियां सामने आई

- 1 लाख 34 हजार मतदाता ऐसे हैं, जिनके बच्चे व माता-पिता की उम्र में 15 साल से कम का अंतर है।

- 50 हजार मतदाता ऐसे हैं, जिनके बच्चे व माता-पिता की उम्र में 50 साल से अधिक का अंतर है।

- जेंडर मिस मैच है 74 हजार 353 मतदाताओं का

- 52 हजार मतदाताओं के 6 से अधिक बच्चे हैं।

- 38 हजार मतदाता ऐसे हैं, जिनके दादा-दादी की उम्र में 40 साल से कम का अंतर है।

- बहूओं का नाम पिता से जोड़ना था, लेकिन ससुर से जोड़ दिया, जिससे बहूओं के माता-पिता बदल गए।

लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी क्या है

मतदाता के रिकॉर्ड में ऐसी जानकारी जो आपस में तर्कसंगत नहीं बैठती या सिस्टम के नियमों के खिलाफ होती है। ऐसे मतदाता जिनकी वोटर लिस्ट में दर्ज जानकारी में तार्किक गड़बड़ी/गलती पाई गई हो। उम्र की गड़बड़ी, जैसा कि जन्म वर्ष ऐसा दर्ज है जिससे उम्र 18 साल से कम या असंभव (जैसे 5 या 120 साल) बन रही हो।

-एक ही व्यक्ति का नाम दो अलग-अलग स्थानों पर दर्ज। मृत्यु के बाद भी वोटर लिस्ट में नाम बना रहना। लिंग/रिश्ते में विरोधाभास

जैसे नाम पुरुष का हो लेकिन लिंग महिला दर्ज हो, या पिता/पति का नाम तर्कसंगत न लगे। विधानसभा क्षेत्र अलग, लेकिन पता किसी और जिले/राज्य का। ऐसे से मतदाताओं को सत्यापन में रखा जाता है और बूथ लेवल ऑफिसर) जांच करते हैं।

छह विधानसभा में इतने मतदाताओं के मतों में गलती

विधानसभा लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी फीसदी

ग्वालियर ग्रामीण 64793 25.13

ग्वालियर 109640 35.82

ग्वालियर पूर्व 109133 33.23

ग्वालियर दक्षिण 70996 27.12

भितरवार 79565 31.95

डबरा 65905 26.78

(इन मतदाताओं के डेटा में लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी है।)

इनका कहना है

सूची में लॉजिकल डिस्क्रेपेंसी सामने आई है। बीएलओ इस गलती को सुधार कर रहे हैं। ड्राफ्ट रोल प्रकाशन तक करेक्शन का काम पूरा किया जाएगा।थ

अनिल बनवारिया, उप जिला निर्वाचन अधिकारी