
बॉलीवुड यानी हिन्दी सिनेमा के दिग्गज निर्माता-यश चोपड़ा का जन्म 27 सितंबर को हुआ था। उन्होंने फ़िल्मी जगत को कई शानदार फ़िल्में दी है। हिन्दी सिनेमा में यश चोपड़ा की फ़िल्मों को ख़ास योगदान की तरीक़े से देखा जाता है। यशराज फिल्म्स ने भी 50 साल से अधिक पूरे कर लिए हैं। यश चोपड़ा ने शुरुआती दिनों में काफ़ी मेहनत की है। उन्हें यह कामयाबी इतनी आसानी से नहीं मिली है। उन्होंने इसके लिए काफ़ी मेहनत की है। यश राज फ़िल्म के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर आदित्य चोपड़ा ने एक नोट साझा किया था । इस नोट में उन्होंने लिखा 1979 में मेरे पिता यश चोपड़ा ने अपने भाई श्री बीआर चोपड़ा की छत्र छाया की सुरक्षा को त्याग कर अपनी ख़ुद की कंपनी बनायी है। साथ ही यह भी लिखा वह यह नहीं जानते थे कि किसी कारोबार को कैसे चलाया जाता है। साथ हि लिखा कि उन्हें इस बात की ख़बर भी नहीं थी की एक कंपनी को चलाने के लिए किन किन चीज़ों की ज़रूरत होती है। उस समय उनके पास कुछ था तो सिर्फ़ उनकी मेहनत और उनकी प्रतिभा। और उनके पास आत्मनिर्भर होने का ख़्वाब
यश चोपड़ा ने यशराज फिल्म्स को खड़ा करने के लिए काफ़ी मेहनत की है। राजकमल स्टूडियो के मालिक श्री वी शांताराम ने यश चोपड़ा को उनके दफ़्तर के लिए अपने स्टूडियो में से एक छोटा सा कमरा दे दिया। उस समय यश चोपड़ा को यह नहीं मालूम था कि यह छोटी सी रूम में खोली हुई कंपनी किसी दिन यशराज फ़िल्म से इतना मशहूर हो जाएगा। जब यशराज फिल्म्स ने अपने 25 वें वर्ष में क़दम रखा तो मेरी पहली फ़िल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे रिलीज़ हुई। उस फ़िल्म को लोगों ने इतना ज़्यादा पसंद किया। उस फ़िल्म की सफलता के बाद यशराज चोपड़ा का आत्मविश्वास बढ़ गया।
Updated on:
17 Dec 2021 10:50 am
Published on:
17 Dec 2021 10:49 am
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