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खुलेआम हो रहा आचार संहिता का उल्लंघन, न पार्टियों को सुध, न प्रशासन को

Code of Conduct यानी आचार संहिता लागू होने के बावजूद एटा में कई जगह लगे हैं बैनर और पोस्टर।

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एटा

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suchita mishra

Oct 30, 2017

 UP Nikay Chunav 2017

UP Nikay Chunav 2017

एटा। उत्तर प्रदेश में 27 अक्टूबर को निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई। इसके साथ ही पूरे प्रदेश में Code of Conduct यानी आचार संहिता लागू हो गई। आपको बता दें कि आचार संहिता प्रत्याशियों और विभिन्न पार्टियों के लिए बने उस नियम को कहते हैं जिसका चुनाव के दौरान सभी को पालन करना जरूरी होता है। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही आचार संहिता लग जाती है।

नियमों के मुताबिक आचार संहिता लागू होने के बाद सार्वजनिक स्थानों या किसी अन्य जगह पर बिना अनुमति पोस्टर या बैनर लगाना प्रतिबंधित है। इसके बावजूद निकाय चुनावों में आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। एटा में सकीट, अलीगंज रोड आदि ऐसे तमाम इलाके हैं जहां अब भी बैनर टंगे हुए हैं। इन्हें हटाने की जहमत न तो प्रशासन ने दिखाई और न ही किसी पार्टी ने।


ये हैं आचार संहिता के कुछ नियम

चुनावों में आचार संहिता के दौरान ऐसा कोई प्रचार नहीं किया जा सकता जिससे मतदाता प्रभावित हो।

किसी भी राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी को लेकर निजी हमले नहीं किए जा सकते हैं, ऐसा करने पर इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है।

बगैर इजाजत कोई भी पार्टी जुलूस या रैली आदि नहीं निकाल सकती, यदि निकालना है तो इसकी पूरी जानकारी पुलिस को देनी होगी।


वोट के लिए किसी विशेष जाति या धर्म से अपील नहीं की जा सकती।

चुनाव प्रचार के तौर पर धार्मिक स्थलों का उपयोग करना मना है।

किसी व्यक्ति की निजी जमीन, मकान या इमारत का प्रयोग बगैर उसकी इजाजत के नहीं किया जा सकता।

लाउड स्पीकर या किसी अन्य यंत्र के इस्तेमाल के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है।

पालन न करने पर
इसके अलावा भी आचार संहिता के कई अन्य नियम हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है। नियमों का उल्लंघन करने पर चुनाव आयोग कड़ी कार्रवाई कर सकता है। दोषी होने पर प्रत्याशी को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है या फिर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।