
Nandita Gupta
एटा। इलाहाबाद केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानि सीबीएसई के 10वीं बोर्ड परीक्षा के नतीजे मंगलवार को आ गए। परीक्षा में इलाहाबाद रीजन के कुल 86.25 प्रतिशत के छात्रों को सफलता मिली । इलाहाबाद रीजन से 89.51 प्रतिशत छात्राओं ने बाजी मारी जबकि छात्रों का सफलता प्रतिशत 84.57 प्रतिशत रहा है।एटा की नंदिता गुप्ता ने 500 में से 495 अंक लाकर इलाहाबाद रीजन टॉप किया साथ ही 10वीं की बोर्ड परीक्षा परिणामों में भी रीजन में टॉप थ्री स्थान पर लड़कियों का कब्जा रहा।
एटा ? की नंदिता गुप्ता बनीं इलाहाबाद रीजन टॉपर
एटा के असीसी कान्वेंट स्कूल की नंदिता गुप्ता ने 500 में से 495 अंक प्राप्त कर इलाहाबाद रीजन में टॉप किया। दूसरे स्थान पर 500 में से 494 अंकों के साथ एकसाथ चार लड़कियां ने स्थान प्राप्त किया। इनमें आर्मी पब्लिक स्कूल एरोड्रोम कैंट कानपुर की शुभांगी,महर्षि विद्या मंदिर फतेहपुर की जेबा परवीन, डीपीएस, बिठूर रोड, कानपुर की नंदिता विश्वास और डीपीएस सेक्टर-2 रक्षा खंड एल्डिको कॉलोनी,लखनऊ की श्रृष्टि माथुर शामिल हैं। इलाहाबाद रीजन में 493 अंकों के सर पद्मपत सिंहानिया एजुकेशनल सेंटर, कानपुर की ईशा सिंह और सनबीम स्कूल, लंका, वाराणसी की सुष्मिता सेन तीसरे स्थान पर हैं। इलाहाबाद रीजन से दसवीं की परीक्षा के लिए 1,92,564 परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इनमें 124651 छात्र और 65700 छात्राएं शामिल थीं। हालांकि परीक्षा में 105382 छात्र और 58801 छात्राओं समेत कुल 190351 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इनमें से 24412 परीक्षार्थियों को पास होने के लिए कंपार्टमेंट परीक्षा देनी होगी।
कंपार्टमेंट परीक्षा के लिए जून मध्य तक आवेदन
इलाहाबाद रीजन की क्षेत्रीय अधिकारी श्वेता अरोड़ा ने बताया कि जिन छात्र छात्राओं को कंपार्टमेंट परीक्षा देनी है वे इसके लिए जून के मध्य तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि एक विषय में फेल परीक्षार्थी इस कंपार्टमेंट पीक्षा में शामिल हो सकेंगे। साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए ये भी बताया कि सीबीएसई की परीक्षाओं में सात साल बाद ग्रेड देने की जगह छात्रों को नंबर दिए गए हैं। इसलिए इस बार प्रैक्टिकल, इंटरनल परीक्षा और थ्योरी को मिलाकर 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को भी उत्तीर्ण किया गया है। इसके साथ ही नए नियम के अनुसार अगले साल से थ्योरी और प्रैक्टिकल में अलग-अलग 33 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले परीक्षार्थी ही सफल माने जाएंगे। क्षेत्रीय अधिकारी का कहना था कि ग्रेड की जगह नंबर देने से छात्र छाात्राओं का पढ़ाई का स्तर सुधरा है।
Published on:
30 May 2018 04:15 pm
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