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यूपी में हुआ बड़ा बैंक घोटाला, फर्जीवाड़े में पंजाब नेशनल बैंक का मैनेजर भी शामिल

एटा में पंजाब नेशनल बैंक मैनेजर की मिली भगत से 55 लाख रुपए का गोलमाल हुआ है। मैनेजर सहित पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।

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एटा

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Amit Sharma

Oct 03, 2018

PNB

यूपी में हुआ बड़ा बैंक घोटाला, फर्जीवाड़े में पंजाब नेशनल बैंक का मैनेजर भी शामिल

एटा। देश की बैंकों में घोटाले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला एटा में पंजाब नेशनल बैंक का है। यहां बैक मैनेजर द्वारा 55 लाख रुपए के लोन का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। बैंक मैनेजर पर होम व व्यावसायिक लोन के 55 लाख रुपए की फर्जी फाइल बनाकर आरोपी के साथ मिलकर 55 लाख रुपए निकालने का आरोप लगा है। पीड़िता को बैंक से आये नोटिस से जब पता चला तो वो सन्न रह गयी, जिसके बाद पीड़िता ने अपने साथ हुए फर्जीवाड़े को लेकर एसएसपी से गुहार लगाई और मामले की गंभीरता को देख एसएसपी ने निर्देश के बाद कोतवाली नगर में पंजाब नेशनल बैंक के आरोपी बैंक मैनेजर व ऋण विभाग के अधिकारियों सहित पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

बैंक मैनेजर से सांठगांठ कर किया फर्जीवाड़ा

एटा में एक नटवर लाल द्वारा पीएनबी के ब्रांच मैनेजर से सांठ-गांठ कर व्यावसायिक लोन व होम लोन के नाम पर 55 लाख रुपए का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। पांच साल पुराने इस मामले में पीड़िता तब सन्न रह गयी जब उसे ऋण वसूली प्राधिकरण इलाहाबाद की तरफ से ऋण चुकता न करने पर नोटिस मिला। दरअसल ये पूरा मामला शहर कोतवाली के बापू नगर का है जहां की रहने वाली विधवा माया देवी का पड़ोस के ही रहने वाले मुनेश ट्रेडिंग के मालिक रामेश्वर सिंह से पारिवारिक संबध है। इसी का फायदा उठाते हुए नटवर लाल रामेश्वर सिंह ने व्यावसायिक लोन के नाम पर पीड़िता के मकान के कागज बैंक में गारन्टर के रुप में लगाने की बात कही और ऋण को दो वर्ष में चुकता कर मूल विक्रय पत्र लौटाने का झांसा दे दिया। जिस पर पीड़िता ने अपने मकान के मूल विक्रय पत्र दे दिए और 28 फरवरी 2013 को पीएनबी से 30 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत हो गया।

जाली हस्ताक्षर कर कराया ऋण स्वीकृत

ये फर्जीवाड़ा यहीं नहीं रुका, पीएनबी के तत्कालीन ऋण विभाग के मैनेजर ने रामेश्वर सिंह से मिलीभगत कर पीड़िता को बिना बताये मूल विक्रय पत्र रामेश्वर सिंह यादव की पत्नी सुमन यादव को दे दिये और पीड़िता के मकान के मूल विक्रय पत्र को फर्जीवाड़ा करते हुए आठ अक्टूर 2014 को रामेश्वर सिंह यादव ने एचडीएफसी बैंक में सांठ-गांठ कर जाली हस्ताक्षर कर 55 लाख रुपए का लोन भी स्वीकृत करा लिया। मायादेवी का आरोप है कि मुनेश ट्रेडिंग के मालिक रामेश्वर सिंह यादव ने ऋण चुकता नहीं किया जिसके बाद एचडीएफसी बैंक ने ऋण वसूली प्राधिकरण इलाहाबाद की तरफ से मुकदमा दायर किया जिसकी बैंक की तरफ से उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गयी।

एसएसपी ने एफआईआर दर्ज करने के आदेश

मई 2018 में पीड़ित विधवा को ऋण प्राधिकरण इलाहाबाद की ओर से ऋण के मुकदमे में नोटिस प्राप्त हुआ तो पीड़िता सन्न रह गयी। अपने साथ पीएनबी बैंक के मैनेजर के द्वारा किए गये फर्जीवाड़े के बाद पीड़िता बैंक के आला-अधिकारियों के चक्कर काटते काटते थक गयी जिसके बाद पीड़िता ने एसएसपी से न्याय की गुहार लगाई जिस पर एसएसपी ने मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए पीड़िता की तहरीर पर 55 लाख रुपए के फर्जीवाड़े में पीएनबी बैंक के तत्कालीन मैनजर, एचडीएफसी बैंक, मुनेश ट्रेडिंग के स्वामी रामेश्वर सिंह, उनकी पत्नी सुमन यादव व पीएनबी के ऋण विभाग के अधिकारी समेत पांच लोगों के खिलाफ कोतवाली नगर में मामला दर्ज करने के आदेश दिये हैं।