
Inhumanity in hospital with rape victim girl
एटा। उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर रक्षाबंधन पर पुलिस ने ‘खाकी विद राखी’ नारे के साथ अपनी छवि सुधारने का प्रयास किया। एटा पुलिस की कहानी कुछ और ही है। रक्षाबंधन के पावन पर्व पर गैंगरेप पीड़िता को बेइज्जत करते हुए थाने से धक्का मारकर भगा दिया। नाबालिग किशोरी रक्षाबन्धन पर्व पर थाने में खड़ी- खड़ी बेदर्द पुलिस वालों से न्याय की गुहार लगाती रही। संवेदनहीन पुलिसकर्मियों ने उसकी एक न सुनी। इसके साथ ही डीजीपी के ‘राखी विद खाकी’ के सपने को चकनाचूर कर दिया।
क्या है घटनाक्रम
मलावन थाना क्षेत्र की रहने वाली नाबालिग छात्रा बीती 21 जुलाई को अपने भाई के साथ कासगंज के पटियाली स्थित ससुराल से वापस लौट रही थी तभी गांव के ही परिचित चार आरोपियों ने बस अड्डे पर खड़ी नाबालिग छात्र को घर छोड़ने की बात कहकर कार में जबरन बैठा लिया। तमंचे के बल पर उसे काठगोदाम ले गये। पीड़िता किशोरी का आरोप है कि चारों युवको द्वारा उसे बंधक बनाकर एक माह तक उसके साथ दुष्कर्म करते रहे। बीती 18 अगस्त को पीड़िता किसी तरह उनके चंगुल से बचकर हल्द्वानी पुलिस के पास पहुंची। अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी। इसके बाद पीड़िता को उसका भाई वापस एटा लेकर आया।
मलावन पुलिस ने क्या किया
इस पूरे मामले में मलावन थाना पुलिस की घोर लापरवाही सामने आई है। दुष्कर्म पीड़िता रक्षाबंधन के दिन जब थाने पहुंची तो उसकी तहरीर न लेकर उससे झूठा मुकदमा लिखाने की बात की। दुत्कार कर बेइज्जत कर भगा दिया। इसके बाद पीड़िता एसएसपी की शरण में पहुंची और अपने साथ अगवा कर एक माह तक गैंगरेप किए जाने की बात बताई। इसके बाद एस एस पी अखिलेश कुमार चौरसिया के निर्देश पर इलाका पुलिस हरकत में आई पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर चारों आरोपियों के खिलाफ थाना मलावन में गैंगरेप का मामला दर्ज कर किया है।
Published on:
26 Aug 2018 06:11 pm
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