तख्तापलट के प्रयास में हुई थी 250 की मौत
तुर्की में 2016 में सैन्य तख्तापलट के असफल प्रयास के बाद देश में आपातकाल लगाया गया था, जिसके बाद इसे सात बार बढ़ा दिया गया। देश में सैन्य तख्तापलट के प्रयास में लगभग 250 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 2,000 से अधिक लोग घायल हो गए थे। कलिन ने कहा कि आतंकवाद रोधी प्रयास जारी रहेंगे और अगर तुर्की के शासन पर दोबारा हमले की स्थिति पैदा हुई तो दोबारा आपातकाल लगाया जा सकता है।
धार्मिक नेता ने की थी तख़्तापलट की कोशिश
तुर्की के राष्ट्रपति ने तख्तापलट के लिए धार्मिक प्रचारक फ़तहुल्ला गुलेन को ज़िम्मेदार ठहराया था। तख़्तापलट की नाकाम कोशिश के बाद तुर्की की सरकार ने बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां की थी। खुद को गिरफ्तार होने से बचाने के लिए फ़तहुल्ला गुलेन इस समय अमरीका में रह रहा है।
चुनाव के बाद और शक्तिशाली हुए रेसेप तइप
दरअसल पिछले महीने रेसेप तइप एर्दोगन को चुनावों में बड़ी जीत हासिल हुई थी। एर्दोगन को 24 जून के राष्ट्रपति चुनाव में 52.5 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे। देश की नई कानून प्रणाली के तहत राष्ट्रपति एर्दोगन को कई बड़ी शक्तियां प्राप्त है। उन्हें संसदीय अनुमोदन के बिना उपाध्यक्षों, मंत्रियों, उच्च स्तरीय अधिकारियों और वरिष्ठ न्यायाधीशों को नियुक्त करने और हटाने का अधिकार भी होगा। राष्ट्रपति के पास संसद को भंग करने, कार्यकारी कार्य जारी करने और आपातकाल की स्थिति लागू करने की शक्ति भी होंगी।