
Angela Merkel and Martin Schulz
बर्लिन. जर्मनी में रविवार को आम चुनाव के लिए मतदान होगा। इस बार जितना दिलचस्प चुनावी मुकाबला होगा, उतना ही अहम चुनाव के बाद गठबंधन बनाना होगा। वहीं जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल (55) को उम्मीद है कि उनकी पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी (सीडीयू) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) मिलकर चौथी बार भी सरकार बनाएंगी। जर्मनी में 1957 के बाद से किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। सर्वे के मुताबिक इस बार भी चुनाव में भी किसी को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। क्योंकि संसद में दलों की संख्या ४ से बढ़कर छह हो सकती है।
ये प्रमुख पार्टियां
सीडीयू-सीएसयू : इस पार्टी की संसदीय दल की नेता मर्केल है। सीडीयू) की अध्यक्ष भी हैं। रूढिवादी नीतियों वाली दोनों पार्टियां जर्मनी के सबसे अहम राजनीतिक दलों में शामिल है। इसका रंग काला है। पिछले चुनावों में इसे 41.5 फीसदी वोट मिले थे।
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी)
इसके नेता मार्टिन शुल्त्स हैं। कामगारों और ट्रेड यूनियनों के बीच लोकप्रिय यह सबसे पुरानी पार्टी है। वामपंथी होने के कारण इसके लिए लाल रंग का प्रयोग होता है। पिछले चुनावों में इसे 25.7 फीसदी वोट मिले थे।
एफडीपी
पीले रंग में दर्शायी जाने वाली इस पार्टी के अध्यक्ष किस्टियान लिंडनर हैं। इसका गठन साल 1948 में हुआ था। यह पार्टी नागरिक अधिकारों और कर कटौती की पक्षधर है और साथ ही कारोबार में अत्यधिक सरकारी नियमन के खिलाफ है।
ग्रीन पार्टी
हरे रंग से दर्शाया जाता है। इसका मुख्य जनाधार पढ़े-लिखे और शहरी लोगों के बीच है। पिछले चुनावों में उसे 8.4 फीसदी वोट मिले थे।पार्टी का गठन पर्यावरण समर्थन आंदोलनों के चरम पर 1980 में हुआ था। जर्मन ग्रीन पार्टी अपनी करिश्माई नेता पेत्रा केली के कारण सुर्खियों में आई।
अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी)
हल्के नीले रंग से दिखाई जाने वाली यह पार्टी कम शिक्षित और कम आय वाले लोगों के बीच लोकप्रिय है। पिछले चुनावों में इसे 4.7 फीसदी वोट मिले थे। साझा मुद्रा यूरो को लेकर एक अकादमिक आलोचक समूह ने इसका गठन किया था।
बुर्जुग तय करेंगे नया चांसलर
6.15 करोड़ मतदाता हैं
3.1 करोड़ महिला मतदाता
2.9 करोड़ पुरुष मतदाता
60 साल से ज्यादा उम्र वाले मतदाता 2.2 करोड़ हैं
ये हैं चुनावी मुद्दे
राष्ट्रीय सुरक्षा, प्रवासियों को मुद्दा, बेरोजगारी कम करने, कर में कटौती,
संसद को बुंडेसटाग कहते हैं
जर्मनी में संसद को बुंडेसटाग कहते हैं। इसके सदस्य 4 साल के लिए चुने जाते हैं। चुनाव में कागज के मतदान पत्र का इस्तेमाल होता है। जर्मनी में मतदान केवल रविवार को छुट्टी के दिन ही होता है। वहीं जर्मन संसद में 598 सीटें होती है। पार्टियों को वोट के अनुपात में चुनाव क्षेत्रों की ज्यादा सीटें जीतने की स्थिति में संसद के सदस्यों की संख्या बढ़ भी सकती है।
दो वोट करते है जर्मन
जर्मनी में हर नागरिक को दो वोट देने होते हैं। एक वोट स्थानीय उम्मीदवार को और दूसरा अपनी पसंद की पार्टी को। इन दोनों की सीटों की संख्या 299-299 है।
मुटी (मां) मर्केल
सीडीयू की नेता मर्केल 2005 में जर्मनी की चांसलर बनी थीं। 12 साल बाद आज उनकी अपनी पार्टी वाले उन्हें मुटी कहते हैं। मुटी का अर्थ है मां। अपने कार्यकाल में मैर्केल ने वैश्विक मंदी से लेकर आप्रवासी संकट जैसे मुद्दे का डटकर मुकाबला किया है। लेकिन इन चुनावों में भाग लेने वाली केवल वही एक महिला नेता नहीं हैं।
चांसलर के चैलेंजर मार्टिन
यूरोपीय संसद का अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद मार्टिन शुल्त्स इसी साल राष्ट्रीय मुख्यधारा की राजनीति में उतरे हैं। एसपीडी के नेता मार्टिन का मुकाबला चांसलर मर्केल से है। लेकिन लोकप्रियता के मामले में मर्केल उनसे काफी आगे हैं।
Updated on:
24 Sept 2017 08:37 pm
Published on:
23 Sept 2017 10:29 pm
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