
patrika
लंदन. ब्रिटेन में मोबाइल एप टैक्सी सेवा कंपनी उबर पर प्रतिबंध लगने का खतरा मंडरा रहा है। लंदन के परिवहन संचालक ट्रांसपोर्ट फॉर लंदन (टीएफएल) ने कहा है कि वह इस महीने के बाद उबर का लाइसेंस रिन्यू नहीं करेगा।
अमरीकी टेक कंपनी उबर ने इसके खिलाफ अपील करने की घोषणा की है। उबर के लंदन में 40 हजार ड्राइवर हैं जिनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है। लंदन के सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क और टैक्सियों को संचालित करने वाली संस्था ने कहा है कि उबर लाइसेंस जारी रखने के लिए फिट नहीं है। गौरतलब है कि ३५ लाख लंदनवासी उबर एप का प्रयोग करते हैं। उबर को लंदन में टैक्सी सेवा शुरू करने के लिए 2012 में लाइसेंस दिया गया था, जो 5 सालों तक था।
इसलिए लाइसेंस नहीं किया रिन्यू
उबर पर सार्वजनिक सुरक्षा में कमी, ड्राइवरों की पृष्ठभूमि और उनके आपराधिक रिकॉर्ड के मामले में लापरवाही के आरोप हैं। टीएफएल ने कहा है कि उबर ग्रेबॉल नामक सीक्रेट सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करता है जो नियामकों की पकड़ से बाहर रहता है। वहीं उबर ने टीएफएल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसकी टैक्सी सेवा सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है और ब्रिटेन में ग्रेबॉल इस्तेमाल नहीं हुआ है।
भारत में लापरवाही के लगे हैं आरोप
उबर केवल विदेश में ही बदनाम नहीं है। भारत में भी उबर पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं। दिसंबर 2014 में दिल्ली में उबर टैक्सी में दुष्कर्म के बाद प्रतिबंध लगाया गया था। दिसंबर 2014 में एक 26 वर्षीय महिला ने गुडग़ांव से दिल्ली जाने के लिए ऐप से उबर की टैक्सी बुक की थी। इसी दौरान उबर ड्राइवर ने महिला को सूनसान जगह पर ले जाकर दुष्कर्म किया था। अक्टूबर 2015 में आरोपी ड्राइवर शिव कुमार यादव को अदालत ने दोषी ठहराया था। भारत में उबर टैक्सी में ये रेप का पहला मामला था।
दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता
पिछले साल इंटरनेट मीडिया कंपनी बजफीड ऐसे स्क्रीनशॉट मिले थे जिनमें उबर कस्टमर सपोर्ट पर दुष्कर्म की घटनाओं पर चिंता जताते हुए 5,000 से अधिक संदेश दर्ज किए गए थे। इसके बाद उबर ने बयान जारी कर कहा था कि दिसंबर 2012 से अगस्त 2015 तक दुष्कर्म के पांच आरोपों का पता चला था। हालांकि, उबर ड्राइवरों पर दुव्र्यवहार के आरोप भी लगते रहे हैं।
Published on:
22 Sept 2017 10:27 pm
बड़ी खबरें
View Allयूरोप
विदेश
ट्रेंडिंग
