
स्वीडन: चोरी हुईं 16 वीं सदी की अनमोल कलाकृतियां, झील के रास्ते जेटी से भागे चोर
कोपेनहेगन। कुछ चोरों ने एक साहसिक लूट की घटना में स्वीडन के एक कैथेड्रल में सुरक्षा घेरे को तोड़ दिया और 16 वीं सदी सोने के गहने और अन्य कीमती पत्थरों से सजा हुआ राजसी मुकुट चुरा लिया। इसके बाद चोर दौड़ते हुए पास की एक झील तक गए और वहां से बोट के जरिये भागने में सफल रहे ।
पुलिस ने बताया कि मंगलवार को दोपहर में राजधानी स्टॉकहोम से 60 किमी पश्चिम में स्ट्रांगनास के आसपास झीलों के विशाल पैचवर्क में दो लोग छुप गए थे। ये पेशेवर चोर थे। इन चोरों ने साहसी लूटपाट में किंग कार्ल नाइंथ और उसकी रानी क्रिस्टीना के दो स्वर्ण मुकुट गायब कर दिए।
क्या है मामला
बताया जा रहा है कि स्ट्रैंगना कैथेड्रल चर्च में एक प्रदर्शनी में कुछ वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया था और आगंतुक उस समय उसी कमरे के अंदर थे। 14 वीं शताब्दी के निर्मित इस कैथेड्रल के प्रवक्ता कैथरीना फ्रोज ने कहा, "अलार्म बंद कर चोरों ने सुरक्षा कांच तोड़ दिया और कलाकृतियों को चुरा लिया।" चर्च ने अपनी वेबसाइट पर लिखा था कि चुराए गए सामान "कैथेड्रल में लॉक और अति सुरक्षित डिस्प्ले में सुरक्षा नियमों के अनुसार" रखा गया था।
तलाश में पुलिस
पुलिस ने चोरों की तलाश में एक हेलीकॉप्टर और नाव भेज दी लेकिन कुछ भी नहीं मिला। अधिकारियों ने कहा कि चोरी में कोई हताहत नहीं हुआ । टॉम रोवेल नाम के एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि दो पुरुष कैथेड्रल के पास एक छोटी जेटी की तरफ दौड़ रहे थे जहां एक मोटरबोट पहले से तैयार थी। पुलिस को घटना स्थल के पास एक लावारिस साइकिलें मिली है। पुलिस को संदेह है कि ये चोरों द्वारा प्रयोग की गई साईकिल है।
पुलिस प्रवक्ता स्टीफन डांगर्ड ने कहा कि "गवाहों के साक्ष्य काफी भिन्न हैं" और यह भी संभव है कि चोर जेट स्की पर बच निकले हों । उन्होंने कहा कि चोरों ने घटना स्थल पर आने के लिए टोकरी से लैस चोरी की दो काली साइकिलों का इस्तेमाल किया था। अब पुलिस स्वीडन की इस तीसरी सबसे बड़ी ताजे पानी की मालेरेन झील के तटों के किनारे अन्य सुराग ढूंढने में लगी है।
अनमोल खजाने की चोरी
चुराई गई कलाकृतियों में 1611 का बना सोने का मुकुट और एक ओर्ब शामिल है जो किंग कार्ल नाइंथ के अंतिम संस्कार के लिए बनाया गया था। इसके साथ ही 1625 का बना गहने और जवाहरात से घिरा हुआ मुकुट भी गायब हो गया जिसका उपयोग रानी क्रिस्टीना के अंतिम संस्कार में किया गया था। चोरी की कलाकृतियों महान ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्य की हैं। अब पुलिस को इस बारे में संदेह है कि चोरी करने वाले अपराधियों इससे कोई लाभ होगा या नहीं क्योंकि इन कलाकृतियों का बाजार में बिक पाना संभव नही है। स्वीडिश पुलिस के राष्ट्रीय संचालन विभाग के मारिया एलीर ने स्वीडिश समाचार एजेंसी को बताया कि चुराए गईं बस्तुएं विशिष्टता के कारण बेची नहीं जा सकेंगी।
Published on:
02 Aug 2018 10:17 am
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