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यूरोप में एलईडी को बढ़ावा देने के लिए एक सितंबर से बैन हो जाएंगे हैलोजन बल्ब

एक सितंबर से दुकानदार हैलोजन बल्ब नहीं बेच पाएंगे। कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए बैन लगाने का फैसला हुआ है।

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halogen bulb

यूरोप में एलईडी को बढ़ावा देने के लिए एक सितंबर से बैन हो जाएंगे हैलोजन बल्ब

म्यूनिखः एलईडी बल्ब को बढ़ावा देने और कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए यूरोप में हैलोजन लाइट बल्ब पर बैन लगा दिया गया है। ये फैसला एक सितंबर से लागू होगा। दरअसल यूरोपियन यूनियन एलईडी बल्ब को बढ़ाना देना चाहता है। इसलिए फैसला किया गया है कि यूरोपियन यूनियन का कोई भी सदस्य देश हैलोजन बल्ब का आयात नहीं करेगा। एक सितंबर से कोई भी दुकानदार हैलोजन बल्ब नहीं बेच सकेगा। हालांकि कुछ ओवन लाइट (हैलोजन), कैप्स्यूल और लो वोल्टेज रिफ्लेक्टर बल्ब अभी भी बाजार में बेचे जा सकेंगे। माना जा रहा है कि यूरोपीय देश एलईडी बल्ब को गरीबों तक पहुंचाने के लिए कुछ राहत भी दे सकते हैं।

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हैलोजन बल्ब से ज्यादा होती है बिजली की खपत
हैलोजन बल्ब एलईडी बल्ब की अपेक्षा पांच गुना ज्यादा बिजली की खपत करते हैं। इसके अलावा कार्बन उत्सर्जन भी अधिक मात्रा में होता है। बिजली की खपत कम करने के लिए यूरोपीय देश एलईडी बल्ब पर अब ज्यादा जोर देंगे और लोगों को इसके महत्व को समझाते हुए उन्हें ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा। एलईडी बल्ब की वजह से लोगों को बिजली का बिल कम भरना होगा।

एलईडी बल्ब पर विवाद
एलईडी बल्ब को बढ़ावा देने के लिए हैलोजन बल्ब पर बैन का कुछ संगठन विरोध भी कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि हैलोजन बल्ब की अपेक्षा एलईडी बल्ब महंगे होते हैं। अचानक हैलोजन बल्ब बंद होने से गरीबों पर इसका असर पड़ेगा। इसलिए हैलोजन बल्ब को बैन लगाने के लिए लोगों को और समय दिया जाना चाहिए। जबकि सरकार का कहना है कि गरीब लोगों पर इसका असर ज्यादा नहीं पड़ेगा। सस्ते एलईडी बल्ब देने के लिए सरकार कदम उठाएगी।