
इजरायल के विवादित 'यहूदी राष्ट्र' कानून पर विरोध जारी, अब तुर्की ने की निंदा
अंकारा। तुर्की ने इजरायल द्वारा पारित किए गए एक नए कानून की निंदा की है। ये वो कानून है जो इजरायल को 'यहूदी राष्ट्र' घोषित करता है। इस मामले में एक समाचार एजेंसी छपी रिपोर्ट के अनुसार, तुर्की के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि इजरायली संसद द्वारा अपनाया गया कानून सार्वभौमिक कानून के मानदंडों और फिलिस्तीनी इजरायली नागरिकों के अधिकारों की उपेक्षा करता है।
तुर्की ने इस कानून को अमान्य बताया
मामले में मंत्रालय के आधिकारिक बयान के अनुसार कहा गया कि जेरूसलम को इजरायल की राजधानी घोषित किए जाने की अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर में कोई कीमत नहीं है। तुर्की ने इस कानून को अमान्य बताया है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कानून पर प्रतिक्रिया देने की मांग
मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस कानून पर प्रतिक्रिया देने के लिए भी कहा है जो दो राष्ट्र समाधान (इजरायल के साथ एक आजाद फिलिस्तीन देश) का उन्मूलन करता है।
क्या है ये 'यहूदी राष्ट्र' कानून
इजरायल की दक्षिणपंथी सरकार द्वारा समर्थित विवादास्पद कानून गुरुवार तड़के तक चली चर्चा के बाद पारित हुआ था। इसके पक्ष में 62 वोट जबकि विपक्ष में 55 वोट पड़े थे। अापको बता दें कि इस कानून के मुताबिक इजरायल सिर्फ यहूदी लोगों का 'घर' है। यह विधेयक सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी के सांसद अवि डिचटर ने पेश किया था। डिचटर इजरायली खुफिया एजेंसी शिन बेत के प्रमुख रह चुके हैं। राजनैतिक सरकार द्वारा समर्थित "राष्ट्र राज्य" कानून पर महीनों के वाद-विवाद के बाद 120 सदस्यीय संसद में 62-55 के वोट से पास हुआ। इजरायली संसद में वोटिंग के बाद कुछ अरब सांसदों ने इसके विरोध में शोर शराबा किया और कागजात फाड़ दिए।
बिल पास होते ही शुरू हो गया था विरोध
तुर्की के इस बिल पर विरोध जाहिर करने से पहले ही अरब मूल के लोगों ने इसका भारी विरोध किया है। इजरायल में 1.8 मिलियन अरब हैं, जो इजरायल की कुल 9 मिलियन आबादी का लगभग 20% हैं।
Published on:
20 Jul 2018 03:54 pm
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