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परीक्षा में निगेटिव मार्किंग से छात्रों के दिमाग पर होता है बुरा असर!

सीबीएसई द्वारा संचालित होने वाली इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं (JEE आदि) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था पर फिर से विचार किए जाने की जरूरत है।

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जयपुर

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Sunil Sharma

Feb 04, 2019

Bihar Board Exams 2019 Admit Card

Bihar Board Exams 2019

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि सीबीएसई द्वारा संचालित होने वाली इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं (JEE आदि) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में नेगेटिव मार्किंग की व्यवस्था पर फिर से विचार किए जाने की जरूरत है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करता है और बच्चों को बुद्धिमानी से अंदाजा लगाने से रोकता है।

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न्यायाधीश आर. महादेवन ने JEE E (Main) एग्जाम में बैठे एस. नेल्सन प्रभाकर की एक याचिका का निपटारा करते हुए यह टिप्पणी की थी।

प्रभाकर 2013 में इस परीक्षा में बैठे थे। उन्होंन एससी श्रेणी के तहत यह परीक्षा दी थी। नेगेटिव मार्किंग के चलते वह कट ऑफ से तीन नंबर पीछे रह गए थे। प्रभाकर ने अपनी भौतिकी और गणित की उत्तर पुस्तिकाओं का फिर से मूल्यांकन करने के लिए सीबीएसई को एक निर्देश देने की मांग करते हुए अदालत का रूख किया था।