
bijli company mp
Electricity Department : शहर सहित जिलेभर में विद्युत वितरण कंपनी के जहां कई नवीन कार्य चल रहे हैं। वहीं मेंटेनेंस और अवैध रूप से डाल रखी विद्युत लाइनों को जब्त करने व अवैध ट्रांसफॉर्मरों को उठाने जैसे कई कार्य भी किए जा रहे हैं। मगर इन कार्यों में लगे लाइनमैन और प्राइवेट कर्मचारियों के साथ आए दिन हादसे हो रहे हैं। जिले में बिजली कर्मचारियों की बिजली मरम्मत, पोल लगाने कार्य करने के दौरान मौत व घायल होने की आधा दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं।
दरअसल बिजली कंपनी द्वारा लाइनमैन और प्राइवेट कर्मचारियों से काम तो लिया जा रहा है। मगर इनकी जान की सुरक्षा को लेकर कोई गंभीरता नहीं बरती जा रही है। यही वजह है कि विद्युत कार्यों को करने में लगे इन लोगों को न तो पर्याप्त संसाधन मुहैया कराए जा रहे हैं और न ही उनका बीमा कराया गया है। विद्युत वितरण कंपनी की इस अनदेखी की कीमत इन लोगों को हादसे का शिकार होकर चुकानी पड़ रही है। हादसों के दौरान कई कर्मचारियों की मौत भी हो चुकी है। इसके बाद भी इन घटनाओं से कोई सबक लेने को तैयार नहीं है, जबकि बिजली कंपनी के अधिकारी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने के साथ ही कंपनी द्वारा सभी संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों को हर महीने में सुरक्षा की ट्रेनिंग देने की बात कह रहे हैं। मगर न तो कर्मचारी ट्रेनिंग में सीखी गई बातों पर अमल कर रहे हैं और न ही अफसर पालन कराने में गंभीरता दिखा रहे हैं।
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बिजली कंपनी सूत्रों के मुताबिक बिजली कार्यों के दौरान कई लोगों को बिजली ठेकेदोरों द्वारा प्राइवेट तौर पर कर्मचारी अधिकृत करते हुए उनसे मजदूरी और लाइनमैन सहित अन्य कार्य कराए जा रहे हैं। वहीं बिजली कंपनी भी कई लोगों को प्राइवेट स्तर पर नियुक्त कर उनसे काम ले रही है। मगर इन सभी लाइनमैन और मजदूरों को सुरक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। बावजूद इसके ये लोग इन बिजली संबंधी कार्यों को करने में लगे हुए हैं। इसके पीछे कारण दो जून की रोटी है क्योंकि कई गरीब लोगों के पास अपने परिवार का पेट पालने के लिए रोजगार का दूसरा साधन नहीं है।
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प्राइवेट स्तर पर बिजली कंपनी से जुड़कर मजदूरी और लाइनमैन का काम कर रहे कुछ लोगों की मानें तो बीमा तो बड़ी दूर की बात है। इन कार्यों को करवाने के लिए निर्माण कंपनियों द्वारा पर्याप्त संसाधन भी उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि बिजली कार्य करने के दौरान जिनके साथ अनहोनी हो रही है। उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा तथा उनके परिवार का भरण-पोषण कैसे होगा। कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण मुहैया कराने के साथ ही हर महीने ट्रेनिंग भी दी जाती है। मगर कर्मचारी काम करते समय सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करते हैं, जिस कारण हादसे हो जाते हैं। अब हम ऐसी व्यवस्था बनाने जा रहे हैं, जिसके तहत कर्मचारियों का वेतन, उनके सुरक्षा उपकरण चेक करने के बाद ही जारी होगा।
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कुछ हादसे, एक नजर में
8 जून दिन रविवार को डांडेसरा में बिजली पोल लगाने के दौरान बिजली पोल का ऊपरी हिस्सा टूटकर कार्य कर रहे मजदूर के सिर पर गिर गया, जिससे युगल किशोर गोटी की मौत हो गई।
21 अक्टूबर 2020 को पाररास वार्ड एक में दोपहर एक बजे एक बिजली ठेकेदार का कर्मचारी महेंद्र साहू (35) निवासी जामगांव करंट की चपेट में आने से घायल हो गए थे। घायल कर्मचारी बिजली ठेकेदार के नीचे काम कर रहा था।
14 दिसंबर 2021 को बिजली विभाग कलंगपुर सबस्टेशन अंतर्गत चारभाठा मुख्य मार्ग पर रविवार व सोमवार की दरमियान रात को 2 बजे बिजली का दो तार टूट गया था, जिसके कारण रात भर क्षेत्र में बिजली बाधित रही, जिसे सुधारने बिजली विभाग में काम करने वाले ठेकेदार के कर्मचारी लाइन काटकर बिजली बिना किसी सेफ्टी के बिजली पोल पर चढ़कर काम कर रहे थे। अचानक बिजली खंभे में विद्युत सप्लाई जारी होने पर ऊपर काम कर रहे युवक योगेश ठाकुर पिता खोरबाहरा ठाकुर, जो ठेकेदार के अधीन काम कर रहा था। उसके दोनों हाथ पैर झूलस गए थे। उसने भी काम करने के दौरान किसी सुरक्षा के उपाय का नहीं प्रयोग किया था।
29 अगस्त 2024 को ग्राम लाटाबोड़ में विभाग की लापरवाही से एक बुजुर्ग किसान तार की चपेट में आ गया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। प्राथमिक उपचार के बाद घायल किसान रामरतन ठाकुर को बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया था। मिली जानकारी के मुताबिक गांव में रेलवे फाटक के नीचे एक ट्रांसफॉर्मर है। ग्रिफ की जगह खुले में तार को लगाया गया है। ट्रांसफॉर्मर के पास खेत है। आने जाने का रास्ता और नाली भी है, जिससे किसान सिंचाई भी करते हैं। इस तार की चपेट में किसान रामरतन ठाकुर आ गया और गंभीर रूप से झुलस गयाथा। इस मामले पर विद्युत् विभाग के ईई एसके बंड से जानकारी लेने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
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Published on:
09 Jun 2025 11:08 pm
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