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अनंत चतुर्दशी 2019 : 12 सितंबर को विदा होंगे श्रीगणेश, जानें विसर्जन का मुहूर्त और समापन पूजा विधि

Anant Chaturdashi 2019 : Muhurta, ritual - Shriganesh will leave on September 12, know the Muhurta of immersion and closing ritual method. अंतिम दिन क्षमा प्रार्थना के साथ विघ्नहर्ता श्रीगणेश जी का विर्सजन इस मुहूर्त में इस समापन पूजा विधान के साथ ऐसे करें। जानें अस्थाई गणेश के विसर्जन का पूरा विधान।

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भोपाल

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Shyam Kishor

Sep 03, 2019

12 September Anant Chaturdashi

अनंत चतुर्दशी 2019 : 12 सितंबर को विदा होंगे श्रीगणेश, जानें विसर्जन का मुहूर्त और समापन पूजा विधि

2 सितंबर 2019 दिन सोमवार से शुरू हुआ श्रीगणेश उत्सव का महापर्व का समापन 12 सितंबर दिन गुरुवार को अनंत चतुर्दशी को गणेश विदाई, विसर्जन होगा। अंतिम दिन क्षमा प्रार्थना के साथ विघ्नहर्ता श्रीगणेश जी का विर्सजन इस मुहूर्त में इस समापन पूजा विधान के साथ ऐसे करें। जानें अस्थाई गणेश के विसर्जन का पूरा विधान।

सोमवार 2 सितम्बर से प्रारंभ हुआ गणेश महापर्व का समापन 12 सितंबर दिन गुरुवार को समाप्त होगा। पूरे 10 दिनों गणेश जी की मूर्ति स्थापित करके श्रद्धा भक्ति के साथ उनकी आराधना वंदना, पूजन किया जाता है। इसके बाद अंतिम दिन हवन यज्ञ के समापन पूजा के साथ अनंत चतुर्दशी के दिन अस्थाई रूप से विराजमान गणेश जी की पार्थिव प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा।

विसर्जन यानी की विदाई की वेला में सभी लोग भावुक भी होते हैं। अगले बरस जल्द ही आने के भाव से श्रद्धालु नाचते गाते, विदाई गीत गाते हुए, पुष्पों और मालाओं से अबीर उड़ाते हुए श्री गणेश जी को पूरे शहर, नगर, गांव की रक्षा के भाव से भ्रमण कराते हुए विदा करते हैं। 12 सितंबर 2019 को गणेश विर्सजन का मुहूर्त सूर्योदय होने के बाद सुबह 8 बजे से ही शुरू हो जाएगा।

ऐसे करें विसर्जन से पूर्व पूजा पाठ

1- सबसे पहले सुबह की आरती का क्रम पूर्ण कर लें।

2- पहले दिन की तरह ही इस दिन भी गणेश जी का षोडशोपचार पूजन संपन्न करें।

3- पूजन करने के बाद हवन कुंड में विधि पूर्वक 108 गणेश के बीज मंत्र एवं अन्य गणेश मंत्रों की आहुति यज्ञ देव को प्रदान करें।

4- यज्ञ सम्पन्न होने के बाद श्री गणेश चालीसा एवं गणेश जी की आरती करें।

5- आरती होने के बाद पुष्पांजलि, शांतिपाठ, विसर्जन आदि कर्म भी करें।

6- अब घर में ही ही किसी बड़े पात्र में जल भरकर उसी में या किसी पवित्र नदी या तालाब में गणेश जी की अस्थाई प्रतिमा का विसर्जन करें। जल में विसर्जन से पूर्व एक बार आरती जरूर करें।

गणेश प्रतिमा के विसर्जन का समय, तिथि व मुहूर्त- विसर्जन से पूर्व एवं बाद में श्रद्धापूर्वक गणेश जी की आरती करें एवं पुष्पाजंली अर्पित कर सभी को प्रसाद बांटे।
1- दिनांक 12 सितम्बर 2019
2- प्रातः 8 बजे से 2 बजे तक यज्ञ हवन करें
3- प्रातः 9 बजे से 12 बजकर 30 मिनट तक विसर्जन करें
3- दोपहर 2 बजे से 3 बजकर 30 तीन तक विसर्जन करें
4- सायंकाल 6 बजकर 30 मिनट से रात्रि 11 बजे तक विसर्जन करें।
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