
देव उठनी ग्यारसः तुलसी माता की आरती
शुक्रवार 8 नवंबर 2019 को देव उठनी ग्यारस (एकादशी) तिथि है। इस दिन देवी तुलसी माता का विवाह शालिग्राम भगवान से कराते हुए विधि-विधान से पूजन किया जाता है। देव उठनी ग्यारस कार्तिक मास की एकादशी तिथि को चार माह विश्राम करने के बाद देव सोकर उठते हैं। मान्यता है कि इस दिन जो भी तुलसी विवाह का संपूर्ण विधान से पूजा अर्चन करने के बाद माता तुलसी की इस आरती को करने से परिवार में सुख शांति के साथ पति-पत्नी के संबंधों में सदैव अटूट प्रेम बना रहता है।
तुलसी माता की आरती से पहले इस स्तुति का पाठ करें-
1- तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
2- धन तुलसी पूरण तप कीनो,
शालिग्राम बनी पटरानी ।
जाके पत्र मंजरी कोमल,
श्रीपति कमल चरण लपटानी ॥
3- धूप-दीप-नवैद्य आरती,
पुष्पन की वर्षा बरसानी ।
छप्पन भोग छत्तीसों व्यंजन,
बिन तुलसी हरि एक ना मानी ॥
5- सभी सखी मैया तेरो यश गावें,
भक्तिदान दीजै महारानी ।
नमो-नमो तुलसी महारानी,
तुलसी महारानी नमो-नमो ॥
6- तुलसी महारानी नमो-नमो,
हरि की पटरानी नमो-नमो ।
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।। अथ श्री तुलसी जी की आरती ।।
1- जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
॥ जय तुलसी माता...॥
2- सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता॥
॥ जय तुलसी माता...॥
3- बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता॥
॥ जय तुलसी माता...॥
4- हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।
पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता॥
॥ जय तुलसी माता...॥
5- लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।
मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता॥
॥ जय तुलसी माता...॥
6- हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।
प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता॥
हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता॥
7- जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥
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Published on:
06 Nov 2019 01:10 pm
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