
सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी ( Ganesh Chaturthi 2019 )का पावन पर्व बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी को कई जगहों पर विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी 2 सितंबर 2019, सोमवार को मनाया जाएगा। यह पर्व 10 दिनों तक चलता है और भक्तों में 10 दिनों तक खासा उत्साह देखा जाता है। वैसे तो यह पर्व पूरे भारत में मनाय जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी सबसे प्रमुख त्यौहार के रुप में मनाया जाता है। यहां हर घर में भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है। घरों के अलावा ऑफिस, दुकान व कई बड़ी जगहों पर गणेश प्रतिमा की स्थापना होती है और इनके दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।
इस बार बन रहे विशेष संयोग
भाद्रपद शुक्ल पक्ष में शिव परिवार की उपासना के तीन विशेष संयोग बन रहे हैं। ज्योतिर्विदों के अनुसार कई सालों बाद हरितालिका तीज व्रत के दिन ही 2 सितंबर को विनायक गणेश चतुर्थी भी है। हरतालिका तीज में सुहागिन महिलाएं भगवान शिव-पार्वती की उपासना कर अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। इसी व्रत अनुष्ठान के दौरान प्रथम पूज्य देवता श्री गणेश ( Lord Ganesh ) की स्थापना भी की जाएगी। महिलाएं इस दिन शिव पार्वती की पूजा करेंगे, तो दूसरी तरफ इस दिन श्री गणेश की भी स्थापना में सभी उपासना करेंगी।
इस बार तीज व्रत सोमवार को है और हस्त नक्षत्र युक्त है। हस्त नक्षत्र की तीजा शुभ मानी जाती है। 2 सितंबर को दोहपर 1.30 बजे तक हस्त नक्षत्र है। भगवान शिव-पार्वती की भक्ति के दौरान गणेश उत्सव का श्रीगणेश होगा। 2 सितंबर को भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया और चतुर्थी तिथि रहेगी। तृतीया से संलग्न चतुर्थी तिथि होने पर भगवान गणेश की स्थापना की जाती है।
दस दिन का उत्सव
संस्कारधानी में श्री गणेश उत्सव आस्था और उत्साह पूर्वक मनाया जाता है। गणपति अर्थवशीर्ष पाठ, गणपति स्तोत्र पाठ आदि करके भक्त भगवान को प्रसन्न करने की साधना करते हैं। जबकि, भगवान गणेश के मंदिरों में दस दिन धार्मिक आयोजन किए जाते हैं। अनंत चतुर्दशी 12 सितंबर को आस्था के साथ प्रतिमा विसर्जन होगा।
Updated on:
25 Aug 2019 10:59 am
Published on:
25 Aug 2019 10:49 am
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