
नवरात्रि के नौ दिनों बन रहे विशेष संयोग, 10 गुना अधिक मिलेगा फल
साल में कुल चार नवरात्रि ( Navratri ) आती हैं, एक शारदेय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि आती है। गुप्त नवरात्रि में अधिकतर तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि ( gupt navratri ) मनोकामनाओं की नवरात्रि मानी जाती है। इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 3 जुलाई से शुरू होगी और 10 जुलाई तक रहेगी। पुराणों के अनुसार गुप्त नवरात्रि में की गई पूजा और तप मां दुर्गा पूर्ण रूप से स्वीका करती हैं। इस बार गुप्त नवरात्रि में बहुत ही विशेष संयोग बन रहे हैं। पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार इस बार नवरात्रि ( gupt navratri 2019 ) के नौ दिनों बहुत ही शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दौरान की गई पूजा सफल और फालदायक मानी जाएगी। आइए जानते हैं इस बार नवरात्रि में कौन-कौन से योग बन रहे हैं....
गुप्त नवरात्रि में बन रहे ये विशेष योग
पंडित जी के अनुसार इस बार गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में पांच बार रवि योग और दो बार सर्वार्थ सिद्धि का विशिष्ट संयोग रहेगा। सप्तमी तिथि का क्षय होने के कारण अष्टमी और नवमी एक ही दिन रहेगी। चैत्र मास और आश्विन मास में आने वाली नवरात्र से ज्यादा महत्व गुप्त नवरात्र का माना जाता है। गुप्त नवरात्र में मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमाता, भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाएगी।
नवरात्रि में इस चीज़ों को करने से मिलती है देवी की कृपा
आषाढ़ मास की नवरात्रि में शिव और शक्ति की आराधना की जाती है। गुप्त नवरात्र विशेष तौर पर गुप्त सिद्धियां पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। मां दुर्गा की पूजा कर दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है। जो लोग सफ्तशती का पाठ नहीं कर सकते वे लोग भगवान शिव द्वारा रचित सप्त श्लोकी दुर्गा का पाठ भी कर सकता है।
गुप्त नवरात्रि में मानसिक पूजा की जाती है। माता की आराधना मनोकामनाओं को पूरा करती है। गुप्त नवरात्र में माता की पूजा देर रात ही की जाती है।
गुप्त नवरात्रि में भक्त को सुबह शाम मां दुर्गा की पूजा करना चाहिए। अष्टमी या नवमी के दिन कन्याओं का पूजन करने के बाद व्रत का उद्यापन करना चाहिए।
Updated on:
28 Jun 2019 12:19 pm
Published on:
28 Jun 2019 12:08 pm
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