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Lohari 2023 Date: कब है लोहड़ी, जानें इसकी परंपरा

कब है लोहड़ी (Lohari 2023 Date) यह सवाल आपके दिमाग में कौंध रहा है तो इसका जवाब हम लेकर आए हैं। lohri festival पंजाब में मुख्य रूप से मनाया जाता है। पंजाब में सिख समुदाय और हिंदू समुदाय के लोग मुख्य रूप से यह पर्व मनाते हैं। इसके अलावा हरियाणा, दिल्ली और इसके आसपास इस पर्व पर लोगों में अधिक उत्साह रहता है। वर्ष 2023 में लोहड़ी 14 जनवरी को मनाई जाएगी। आइये जानते हैं Lohari 2023 में किस तरह मनाया जाएगा फेस्टिवल।

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Shailendra Tiwari

Dec 31, 2022

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लोहड़ी 2023

Lohari 2023 Date: लोहड़ी त्योहार मकर संक्रांति (Makar Sankranti) से ठीक एक दिन पहले मनाई जाती है और मकर संक्रांति 2023( Makar Sankranti 2023) 15 जनवरी को मनाई जाएगी, इस तरह लोहड़ी त्योहार इस साल 14 जनवरी शनिवार को मनाया जाएगा। कुछ लोग 13 जनवरी को भी यह मना सकते हैं।


Lohri Festival: लोहड़ी संक्रांति का क्षण 8.57 पीएम है। यह त्योहार मुख्य रूप से फसल के लिए ईश्वर का आभार जताने का त्योहार है। साथ ही किसान अगली फसल का उत्पादन अधिक हो, इसके लिए प्रार्थना करते हैं। इसके लिए लोहड़ी (lohri festival) के दिन पंजाब में लोग अलाव जलाते हैं और पारंपरिक वेशभूषा में पुरुष भंगड़ा और महिलाएं गिद्दा नृत्य करती हैं। इस अलाव में सभी लोग तिल, मूंगफली, रेवड़ी आदि डालकर प्रार्थना करते हैं। इस दिन तिल, गुड़ खाने की भी परंपरा है। इसे बांटा भी जाता है।


इसके लिए कई दिन पहले से तैयारी शुरू हो जाती है, बच्चे घर-घर जाकर लोहड़ी मांगते हैं। उन्हें गुड़, तिल, गजक, रेवड़ी दी जाती है। लड़के लोहड़ी गीत गाते हैं, लोहड़ी सबको बांटा भी जाता है।

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Lohri Katha: यह शीतकालीन संक्रांति के अंत और सूर्य के उत्तर की ओर गति का भी प्रतीक है। यह उत्तरायण के दिन पड़ता है, इस दिन से दिन बड़े होने लगते हैं। लोहड़ी मनाने से एक कथा भी जुड़ी हुई है। पंजाब के मुगल जिले में दुल्ला नाम का डकैत था, वह लूटी सामग्री से गरीबों की मदद करता था। इसलिए एक तबके में उसकी रॉबिनहुड जैसी छवि बन गई थी। वह निडर था, गुलाम बनाए लोगों को छुड़ाकर उनका विवाह भी कराता था।


लोहड़ी का त्योहार (lohri festival) दुल्ला भट्टी और सुंदड़ी मुंदड़ी के सम्मान में मनाया जाता है। लोहड़ी के दिन सुंदड़ी मुंदड़ी लोक गीत यानी सुंदर मुंदरिये लोकगीत भी गाया जाता है। लोग सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए सूर्य मंत्रों का जाप भी करते हैं। ताकि सर्दी के दिनों में लोग गर्मी प्राप्त कर सकें।