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Mokshada Ekadashi 2022- मोक्षदा एकादशी की पूजा विधि, शुभ योग व मुहूर्त

- इस मोक्षदा एकादशी 2022 पर रवि योग का संयोग बन रहा है।

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Deepesh Tiwari

Dec 02, 2022

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हिंदू पंचांग के नवें माह मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की एकादशी, मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2022) का विशेष महत्व है। जो अपने नाम से ही मोक्षदा यानि मोक्ष प्रदान करने वाली एकादशी मानी गई है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना और उपासना किए जाने का विधान है।

इस दिन व्रत और पूजा आदि धार्मिक कार्य करने वाले व्यक्ति के संबंध में माना जाता है कि उसे मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है। साथ ही ये धार्मिक क्रियाएं इस जन्म में सभी पापों का भी नाश करती हैं। मान्यता के अनुसार भगवान श्री कृष्ण (Lord Shri Krishna) ने भी इसी दिन कुरूक्षेत्र में अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। ऐसे में इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi ) का व्रत इस साल 2022, में 03 दिसंबर शनिवार को रखा जाएगा। वहीं भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश मार्गशीर्ष मास (margashirsha month) के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही दिया था, इसलिए इस दिन गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी संयुक्त होने से इस व्रत का महत्व (Importance) और अधिक बढ़ जाता है।

इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत बहुत शुभ योग में रखा जाएगा। माना जाता है कि एकादशी (Ekadashi) पर किया दान हजारों पुण्य के समान फल प्राप्त करने वाला माना जाता है। तो चलिए जानते मोक्षदा एकादशी के पूजा विधि, शुभ योग और मुहूर्त...

मोक्षदा एकादशी व्रत विधि (mokshada ekadashi vrat katha)-
: एकादशी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि नित्य कर्मों के पश्चात घर के मंदिर की सफाई करनी चाहिए। जिसके पश्चात पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना विशेष माना जाता है।
इसके बाद मंदिर में भगवान को गंगाजल से स्नान कराकर उन्हें वस्त्र अर्पित करें। और फिर भगवान को रोली और अक्षत का तिलक लगाएं।
इसके पश्चात भोग में भगवान को फल और मेवे अर्पित करें।
वहीं पूजा का प्रारंभ करते समय सबसे पहले भगवान गणेश और फिर माता लक्ष्मी के साथ श्रीहरि की आरती करें। इस दौरान भगवान विष्णु को तुलसी के पत्ते अवश्य अर्पित करने चाहिए।

ऐसे प्राप्त करें भगवान विष्णु की कृपा
मोक्ष देने वाली मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) इस वर्ष शनिवार, 03 दिसंबर को है। मान्यता के अनुसार इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। जिससे जीवन में सबकुछ आसानी से सुलभ होने के साथ ही जीवन सुखमय होता है और व्यक्ति की मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।

इस संबंध में पंडित सुनील शर्मा का कहना है कि मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों (Vishnu Mantra) का जाप जहां एक ओर उन्हें प्रसन्न करता है, वहीं इससे विशेष मनोकामनाओं की भी पूर्ति होती है। भगवान विष्णु के हर मंत्र का अपना एक विशेष उद्देश्य होता है, और उस मत्र के जाप से उसकी सिद्धि होती है।

मोक्षदा एकादशी 2022 शुभ योग (Mokshada Ekadashi 2022 Shubh yoga)
इस मोक्षदा एकादशी 2022 पर रवि योग का संयोग बन रहा है। माना जाता है कि रवि योग में काम की शुरुआत करने से सूर्य देव और विष्णु जी की कृपा मिलती है, जिससे सभी काम बिना किसी विघ्न के पूरे होते हैं।

रवि योग - 03 दिसंबर 2022, सुबह 07:04 से 04 दिसंबर 2022, सुबह 06:16 तक

मार्गशीर्ष माह शुक्ल मोक्षदा एकादशी तिथि प्रारंभ - शनिवार,03 दिसंबर 2022, सुबह 05 बजकर 39
मार्गशीर्ष माह शुक्ल मोक्षदा एकादशी तिथि समापन - रविवार, 04 दिसंबर 2022, सुबह 05 बजकर 34