30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rakshabandhan 2019: 19 साल बाद रक्षाबंधन पर महासंयोग, इसके बाद 2084 में बनेगा योग

इससे पहले साल 2000 में बना था यह योग

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Tanvi Sharma

Aug 12, 2019

rakshabandhan 2019

सनातन धर्म के अनुसार हर त्योहार, शुभ काम को करने से पहले मुहूर्त देखा जाता है। त्योहारों पर पूजा शुभ मुहूर्त देख कर ही की जाती है। वहीं रक्षाबंधन पर भी मुहूर्त देखकर ही राखी बांधी जाती है। इस साल रक्षाबंधन 15 अगस्त को मनाया जाएगा और इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं है। जिसके चलते पूरे दिन आप अपने भाई को राखी बांध सकती हैं। ज्योतिषियों के अऩुसार 15 अगस्त ( Independence Day ) के दिन रक्षाबंधन ( RakshaBandhan 2019 ) का योग 19 साल बाद बन रहा है। इससे पहले यह योग साल 2000 में बना था। इसके बाद वर्ष 2084 में मंगलवार को दोनों पर्व एक साथ मनाए जाएंगे।

पंडित रमाकांत मिश्रा ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं है। इसलिए पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ रहेगा। श्रवण नक्षत्र में दिन की शुरुआत होगी, जो 8.30 बजे तक रहेगा। इसके बाद घनिष्ठा नक्षत्र है। सुबह 11 बजे तक सौभाग्य योग और इसके बाद शोभन योग में रक्षाबंधन मनेगा। गुरुवार को पूर्णिमा तिथि व श्रवण नक्षत्र के मिलने से सिद्धि योग बन रहा है। इस दिन पूर्णिमा शाम 4.20 बजे तक रहेगी।

15 अगस्‍त ( 15 august) को रक्षाबंधन ( Raksha Bandhan ) के दिन श्रावण नक्षत्र, सौभाग्य योग, शुक्र व बुध के संयोग से लक्ष्‍मीनारायण योग व सूर्य बुध के योग से बुधादित्‍य का योग बना है। रक्षाबंधन के चार दिन पहले गुरु मार्गी हुए है। इस बार रक्षाबंधन गुरुवार के दिन पडऩे से बेहद शुभ संयोग बनेग और भद्रा भी नहीं बनेगी बाधक।

रक्षासूत्र बांधने से मिलती है ब्रह्मा, विष्णु और महेश की कृपा, होता है सभी दुर्गुणों का नाश

पंडित जी के अनुसार इस बार भद्रा सूर्योदय के पहले ही समाप्त हो जाएगी। श्रवण नक्षत्र, स्वामी चंद्र, योग सौभाग्य करण वणिज, राशि मकर, स्वामी शनि, इन सभी योग को मिला कर पूरा दिन रक्षाबंधन के लिए शुभ है। बहने शुभ मुहूर्त में राखी बांध सकेंगी।

रक्षाबंधन के दिन अपने भाई को इस तरह राखी बांधें। सबसे पहले राखी की थाली सजाएं। इस थाली में रोली, कुमकुम, अक्षत, पीली सरसों के बीज, दीपक और राखी रखें। इसके बाद भाई को तिलक लगाकर उसके दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र यानी कि राखी बांधें। राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें। फिर भाई को मिठाई खिलाएं। अगर भाई आपसे बड़ा है तो चरण स्‍पर्श कर उसका आशीर्वाद लें। अगर बहन बड़ी हो तो भाई को चरण स्‍पर्श करना चाहिए। राखी बांधने के बाद भाइयों को इच्‍छा और सामर्थ्‍य के अनुसार बहनों को भेंट देनी चाहिए। ब्राह्मण या पंडित जी भी अपने यजमान की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हैं। ऐसा वक्‍त इस मंत्र का उच्‍चारण करना चाहिए...

तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।